रमजान : इस मुबारक महीने में एक नेकी करने के बदले में 70 नेकियों का मिलता है सवाब, जरुरतमंद की करें मदद
इंसानों के लिए रहमत का महीना है रमजानः मौलाना
जामताड़ा
शुक्रवार को माहे रमजान के तीसरे जुम्मे की नमाज जिले भर के सभी मस्जिदों में शांतिपूर्ण तरीके से आपसी सौहार्द के साथ अदा की गई। जुमे की नमाज के प्रति रोजेदारों में इस कदर उत्साह देखा गया कि वे अजान होने से पहले ही मस्जिद पहुंचने लगे थे। इस दौरान सभी मस्जिदों में मस्जिद के इमाम के द्वारा जुम्मे की नमाज अदा कराई गई। जामताड़ा सुभाष चौक जामा मस्जिद में इमाम मौलाना नजरुल अंसारी ने जुम्मे की तकरीर करते हुए फरमाया कि रमजान का मुबारक महीना दुनिया भर के इंसानों के लिए रहमत है।
इस पवित्र महीने में रोजेदारों के साथ-साथ सभी इंसानों को अल्लाह ताला का विशेष कर्म होता है। उन्होंने कहा कि इस मुबारक महीने में एक नेकी करने के बदले में 70 नेकियों का सवाब मिलता है। अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगने वालों की तोबा कुबूल की जाती है। उन्होंने कहा कि रोजेदारों को चाहिए कि वे चुगली जैसे गुनाहों से बचें। दूसरों का दिल दुखा कर खुदा की नाराजगी मोल ना लें, बल्कि रोजा रखने के बाद अपने गुनाहों की माफी मांगते रहा करें। साथ ही उन्होंने अल्लाह के बताए रास्ते पर चलने की हिदायत दी और माहे रमजान में बरसने वाली अल्लाह की रहमतों और बरकतों को बताय।
वहीं पाकडीह व सरखेलडीह जामा मस्जिद के इमाम हाफिज कमरुद्दीन अंसारी ने कहा कि रमजान में रोजा रखने के साथ नमाज और कुरान पढ़ना जहां इबादत का जरूरी हिस्सा है वही रमजान में रोजे नमाज के बाद सबसे ज्यादा जरूरी है जकात देना। उन्होंने कहा कि अल्लाह इस एक महीने में अपनी रहमतों की बारिश करता है। हर मुसलमान पर रोजा फर्ज है। इसके साथ ही मुल्क और कौम की तरक्की की दुआ की गई।