आनंद मार्ग प्रचारक संघ, हज़ारीबाग भुक्ती की ओर से सभी यूनिट में दधीचि दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पाँच दधिचियों को श्रद्धांजलि दी गयी और सभी आनन्द मार्गी ने 12 घंटे का उपवास भी रखा। उपवास के दौरान नगवाँ में तीन घंटे बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन का आयोजन किया गया जिसने सैकडो मार्गी शामिल हो कर भाव विभोर हुए ।
भुक्ती प्रधान जनरल राजेंद्र राणा ने कहा कि आज के दिन सम्पूर्ण विश्व में आनंदमार्गी दिन भर उपवास रखकर शाम को अपना उपवास तोड़ते हैं। 5 मार्च 1967 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के आनंद नगर में आचार्य सच्चिदानन्द अवधुत, आचार्य अभेदानन्द अवधूत, प्रभास कुमार, भरत कुमार एवं अवध कुमार समेत पांच निहत्थे आनंदमार्गियों की नृशंस हत्या की गई थी।
मार्ग गुरु श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने बताया है कि,
जब मेरे बच्चे भागवत धर्म के आदर्शों के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं, तो मैं उसे दधीचि कहता हूं।”
सद्गुरू श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने 5 मार्च को एक दिन विशेष “दधीचि दिवस” के रूप में तय किया है, ताकि उन सभी भागवत धर्म व आदर्शों के रक्षा हेतु अपना जीवन उत्सर्ग करने वाले दधीचियों को याद कर श्रद्धांजलि दिया जाय।
इस अवसर पर आनंदमार्गीयों ने पाप शक्ति के विरुद्ध अनवरत संग्राम जारी रखने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम पूरे विश्व भर में की गई और हज़ारीबाग़ में इसे सफल बनाने में सभी मार्गी का सराहनीय योगदान रहा ।