महीने का 30 हजार कमाने वाले व्यक्ति को भी टैक्स देने के लिए मजबूर किया गया है,ये बेहिसाब मंहगाई का दंश झेल रहे मध्यम वर्गीय परिवारों पर और अत्याचार हैं,जब देश में लोगों के पास रोजगार नहीं है तब संवेदनहीन सरकार लोगों से कर वसूलने में लगी हुई है जो निंदनीय हैं,यह बजट देश का
बजट नहीं है,इसमें मध्यम वर्गीय परिवारों को, गरीबों और वंचितों के हितों को दरकिनार किया गया है, चुनावी उद्देश्य की मंशा से बनाए गए इस बजट को जनता नकारती है,इस बजट में महिलाओं को किनारे रखा गया है,युवाओं के अरमानों पर पानी फेर दिया गया है।किसानों, मजदूरों और कामगारों के
हक और अधिकार को रौदने वाला बजट हैं!