‘9ए कोटला मार्ग’ पर ‘इंदिरा भवन’ बना कांग्रेस मुख्यालय, पहले ही दिन राहुल के बयान से छिड़ा विवाद
नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस का मुख्यालय करीब पांच दशक बाद बुधवार को ‘24 अकबर रोड’ से ‘9ए कोटला मार्ग’ पर नवनिर्मित ‘इंदिरा भवन’ में स्थानांतरित हो गया। पहले ही दिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान से विवाद खड़ा हो गया कि उनकी लड़ाई सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से नहीं, बल्कि ‘इंडियन स्टेट’ (भारतीय राज व्यवस्था) से भी है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान को लेकर उन पर ‘राजद्रोह’ का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन किया।
वर्ष 1978 से पार्टी का मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ था। अब मुख्य विपक्षी दल का नया मुख्यालय ‘9ए कोटला मार्ग’ पर बनाया गया है।
मुख्यालय के उद्घाटन के बाद खरगे और राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को संबोधित किया और देश में विचारधारा की लड़ाई को लेकर जोश भरा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोहन भागवत का यह बयान राजद्रोह के समान है कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता राम मंदिर बनने के बाद मिली।
राहुल ने पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भागवत ने जो कहा है वह हर भारतीय का अपमान है और किसी दूसरे देश में ऐसा होने पर तो भागवत अब तक गिरफ्तार किए जा चुके होते।
भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इस दिन मिली थी।
खरगे ने भी अपने संबोधन में भागवत के बयान की निंदा की और कहा कि यदि वह इसी तरह का बयान देते रहे तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने तीखे हमले किए।
नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी की इस टिप्पणी से कांग्रेस का ‘घिनौना सच’ सामने आ गया है।
भाजपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर आरोप लगाया कि यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी और उनके ‘परिवेशी तंत्र’ के शहरी नक्सलियों और ‘डीप स्टेट’ के साथ ‘गहरे संबंध’ हैं जो भारत को ‘बदनाम, अपमानित और खारिज’ करना चाहते हैं।