32 का खतियान नही स्थापना काल हो स्थानीयता का आधार :अप्पू तिवारी
आज दिनांक 16 जनवरी 2020 दिन गुरुवार को भोजपुरी नव चेतना मंच के प्रांतीय अध्यक्ष श्री अप्पू तिवारी ने प्रेस रिलीज जारी कर झामुमो सुप्रीमो श्री शिबू सोरेन के द्वारा जारी खतियान और स्थानीय नीति में संसोधन जिसमे 1932 की मांग करने पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि झारखण्ड में दो ऐसे नेता है जो इस राज्य के अमन चैन के साथ खिलवाड़ करते है एक डोमिशाइल के नाम पर तो दूसरे बाहरी भीतरी और 1932 की खतियान मांग कर ,श्री तिवारी ने कहा कि ऐसे नेताओं पर केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई करे जो जब से बिहार को बिभाजित कर अलग राज्य की स्थापना हुई है तभी से ऐसे नेताओं द्वारा साजिस कर बाहरी भीतरी का नारा दे वेवजह इस राज्य को कलंकित कर आपसी भाईचारा खराब करने पर तुले हुए है ,जबकि उस वक्त ही अलग हुआ राज्य छतीसगढ़ और उत्तराखंड में स्थापना काल मे ही स्थानिय नीति का निर्धारण कर राज्य को विकाशपथ पर ले गया है*32 का खतियान नही स्थापना काल हो स्थानीयता का आधार :- अप्पू तिवारी*
आज दिनांक 16 जनवरी 2020 दिन गुरुवार को भोजपुरी नव चेतना मंच के प्रांतीय अध्यक्ष श्री अप्पू तिवारी ने प्रेस रिलीज जारी कर झामुमो सुप्रीमो श्री शिबू सोरेन के द्वारा जारी खतियान और स्थानीय नीति में संसोधन जिसमे 1932 की मांग करने पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि झारखण्ड में दो ऐसे नेता है जो इस राज्य के अमन चैन के साथ खिलवाड़ करते है एक डोमिशाइल के नाम पर तो दूसरे बाहरी भीतरी और 1932 की खतियान मांग कर ,श्री तिवारी ने कहा कि ऐसे नेताओं पर केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई करे जो जब से बिहार को बिभाजित कर अलग राज्य की स्थापना हुई है तभी से ऐसे नेताओं द्वारा साजिस कर बाहरी भीतरी का नारा दे वेवजह इस राज्य को कलंकित कर आपसी भाईचारा खराब करने पर तुले हुए है ,जबकि उस वक्त ही अलग हुआ राज्य छतीसगढ़ और उत्तराखंड में स्थापना काल मे ही स्थानिय नीति का निर्धारण कर राज्य को विकाशपथ पर ले गया है जल्द ही इस विषय पर हेमन्त सोरेन सफाई नही देते है तो भोजपुरी नव चेतना मंच झारखण्ड प्रदेश इसका माकूल जबाब देगी ।।