निजाम खान
कुंडहित/जामताड़ा: सरकार जलस्रोत को बढ़ाने के लिये विभिन्न प्रकार की कदम उठायी है।जल संरक्षण के लिये धारातल पर विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया गया है।ताकी गिरते जलस्तर को रोका जा सके।बहुत हदतक इसमें कामयाबी भी मिली है।गौरतलब है कि सरकार ने जल को संरक्षीत करने के लिये 30×40 माडल,मेढ़बंदी,टीसीबी जैसी योजनाओं को संचालीत किया है।साथ ही जिले भर में बोराबांध अभियान भी चलाया गया है।वही दूसरी ओर कुंडहित में हिंगलो नदी तथा कुरुली नदी खत्म होने लगा है।पूरा नदी डंगाल में तब्दील हो रहा है।आपको बता दे नदी पर नजर दौड़ाने से पानी देखने को नही मिलेगा।बल्की पूरा काशी की झाड़ी से लबालब हो गया है।पूरे नदी में काशी के सफेद फूल खिलते देखने को मिलता है।वैज्ञानिक कारण कुछ भी हो,पर स्थानीय लोगों का कहना है नदी काशी उगने से भूत रहा है।कहा कि काशी का फूल थोड़ी-सी हवा के बहने से झड़कर पूरे नदी में बिखरने लगता है।इससे काशी उगने लगता है।काशी के उगते ही रेतीली मिट्टी जमा हो जाता है।इससे कुछ ही दिनों मैदान बन जाता है।स्थानीय लोगों ने भविष्य के लिये चिंतीत हो रहे है।कहा कि समय रहते जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नही दिया तो 2-3 वर्षो में नदी ढक जायेगा।कहा कि इससे लोगों को पानी के लिये भारी परेशानीयों का सामना करना पड़ेगा।गौरतलब है कि पानी को इकट्ठा करने के लिये टीसीबी,मेढ़बंदी की गयी।देखना दिलचस्प होगा इस ओर विभाग क्या कदम उठा रहा है?
नदी के बीच में अब होती खेतीबाड़ी:जानकर आपको हैरानी होगी।जिस नदी में बालू और पानी देखने को मिलता था।वैसे नदी में अब आलू,भिंडी,टमाटर,सरसो,बैगन आदि फसलो की खेती की जाती है।बताते चले आकना,बिक्रमपुर,पांचकुड़ी आदि गांवों में लोग बीच नदी में फसल की खेती बाड़ी करते है।दरअसल नदी डंगाल में परिवर्रीत होने के कारण लोग खेतीबाड़ी करते है।
क्या कहते है जिप सदस्य:सरकार द्वारा जल को संरक्षीत करने के लिये विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालीत किया गया है।हिंगलो तथा कुरुली नदी खत्म हो रहा है।हिंगलो तथा कुरुली नदी का अस्तित्व खतरे में है।जिसका खामियाजा आगे चलकर हमी लोगों को भूगतना पड़ेगा।जिला प्रशासन को जल्द ही इस ओर कदम उठाने की आवश्यक्ता है।नदी की बीच-बीच में सफाई होना चाहिए।साथ ही अब नदी में जलस्तर कम हो रहा है।नदी में बोरा बांध अभियान चलाना चाहिए।
भजहरि मंडल,जिप सदस्य,कुंडहित।
पहला और दूसरा फोटो कासयुक्त हिंगलो तथा कुरुली नदी।
तीसरा फोटो जिप सदस्य भजहरि मंडल।