शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से ही पूजनीय रहा है। कोई उसे गुरु कहता है, कोई शिक्षक कहता है, कोई आचार्य कहता है, तो कोई अध्यापक या टीचर कहता है ये सभी शब्द एक ऐसे व्यक्ति को चित्रित करते हैं, जो सभी को ज्ञान देता है, सिखाता है और जिसका योगदान किसी भी देश या राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करना है। सही मायनो में कहा जाये तो एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढ़ता है। शिक्षक ही समाज की आधारशिला है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है और समाज को राह दिखाता रहता है, तभी शिक्षक को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है।
वैसे तो भारत में या फिर कहें कि पूरी दुनिया में ऐसे न जाने कितने शिक्षक रहे जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उद्धरित करते-करते ही महानता की सीढ़ियां चढ़ते रहे, लेकिन हिंदुस्तान मित्र मंडल के प्रधानाध्यापक संदेश चौधरी के काम करने का तरीका यह बताने के लिए काफी है कि उम्र भले ही कम हो लेकिन काम करने का लगन हो तो कुछ भी मुमकिन हो सकता है
कौन कहता है कि सरकारी विधालय में व्यवस्था व शिक्षा की गुणवत्ता में कमी रहती है अगर नजरिया बदलाव की हो इरादे इमानदारी से काम करने की हो तो कुछ भी हो सकता है जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र
स्थित हिंदुस्तान मित्र मंडल का कायाकल्प करने में प्रधानाध्यापक संदेश चौधरी की मेहनत और मुख्यमंत्री रघुवर दास का सहयोग दिखने लगा है एक ऐसा सरकारी स्कूल जो झारखंड के हर निजी विद्यालय से अलग होगा
बहुत जल्द राष्ट्र संवाद के अगले अंक और संवाद विशेष वेेेब पर………….