स्कूल नहीं तो फ़ीस नहीं की माँग पर शिक्षा विभाग के समक्ष अभिभावकों ने किया सांकेतिक प्रदर्शन
● झारखंड अभिभावक संघ और शिक्षा सत्याग्रह के संयुक्त तत्वावधान में जुटे विभिन्न स्कूलों के अभिभावक
● सरकार का स्पष्ट आदेश आने तक फ़ीस वसूली पर लगे रोक : डॉ. पुष्पा
नो स्कूल नो फ़ीस की माँग को लेकर जमशेदपुर के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों से जुड़े अभिभावकों ने सोमवार जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय पर सांकेतिक प्रदर्शन किया। झारखंड अभिभावक संघ और शिक्षा सत्याग्रह के संयुक्त तत्वावधान में काफ़ी संख्या में अभिभावकों ने एकजुट होकर निज़ी स्कूलों की दमनकारी फ़ीस वसूली पर रोक लगाने का माँग किया। कई स्कूलों से जुड़े अभिभावकों ने कहा कि निज़ी स्कूलों ने उन्हें एटीएम मशीन समझ रखा है और कई प्रकार के गैर वाज़िब शुल्क उनपर थोपे जा रहे हैं। पेरेंट्स ने अगस्त तक स्कूल खुलने की संभावनाओं पर भी चिंता जताते हुए जिला प्रशासन से माँग किया कि जबतक कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा नहीं बन जाती तबतक वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने वालें। माँगों के समर्थन में जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार से मिलकर अभिभावकों के प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपकर अविलंब आदेश जारी करने का आग्रह किया। इस आशय में झारखंड अभिभावक संघ की पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष डॉ. पुष्पा श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार के स्तर से फ़ीस के विषय पर कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं हुए। इसका लाभ निज़ी स्कूल प्रबंधन उठा रहे हैं। कहा कि कई स्कूलों का फ़ीस वसूलने के रैवया तानाशाही दर्शाता है। अभिभावकों को मैसेज और कॉल के माध्यम से धमकियाँ दी जा रही है। बच्चों की परीक्षाएं रोकने और स्कूल से हटाने की धमकियां अनुचित है और रंगदारी माँगने जैसा है। शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक सदस्य अप्पु तिवारी ने कहा कि लॉकडाउन में अभिभावक वित्तीय कठिनाई से जूझ रहे हैं। कईयों के रोज़गार छिन गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अविलंब ठोस आदेश जारी करते हुए अभिभावकों को राहत दिलाये ताकि फ़ीस को लेकर जारी गतिरोध पर विराम लगे। इधर ज्ञापन सौंपने पहुँचें प्रतिनिधिमंडल को पूर्वी सिंहभूम के जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि फ़ीस के संदर्भ में शिक्षा मंत्री और सरकार के स्तर से हस्तक्षेप हुआ है। जल्द ही उचित आदेश और अधिसूचना जारी होने की संभावना है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अभिभावकों द्वारा प्राप्त माँग पत्र के आलोक में उनके स्तर से जिलांतर्गत सभी कोटि के निज़ी स्कूलों को ज़बरन फ़ीस नहीं वसूलने और अन्य विषयों पर आदेश जारी कर दिया जाएगा।
● इन माँगों के समर्थन में सौंपा गया ज्ञापन :-
1) नो स्कूल नो फ़ीस और लॉकडाउन अवधि की फ़ीस पर ज्यादा से ज्यादा राहत मिले।
2) सरकार के स्तर से ठोस लिखित आदेश और अधिसूचना निर्गत होने तक सभी प्रकार के फ़ीस वसूली पर रोक लगे।
3) कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा बनने तक स्कूलों को बंद रखा जाये।
4) सभी कोटि के निज़ी स्कूलों की प्रशासन के स्तर से जाँच कमिटी गठित कर स्पेशल ऑडिट हो और ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक पोर्टल पर जारी किया जाये।
5) अभिभावकों से विमर्श और सहमति के बगैर स्कूल नहीं खोले जायें।
● इन स्कूलों से जुड़े अभिभावक प्रतिनिधि रहें मौजूद :-
डीएवी बिष्टुपुर, डीबीएमएस स्कूल, लोयोला स्कूल, केरला समाजम स्कूल, हिल टॉप, एग्रिको तारापोर स्कूल, एसकेपीएस स्कूल, माउंट लिटेरा ज़ी स्कूल, गुलमोहर स्कूल टेल्को, जुस्को स्कूल साउथ पार्क, चिन्मया विद्यालय बिष्टुपुर, श्रीकृष्ण पब्लिक स्कूल, विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, शिक्षा निकेतन, राजेंद्र विद्यालय, कदमा जुस्को स्कूल, विवेक विद्यालय छोटा गोविंदपुर, मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल, रामकृष्ण मिशन स्कूल, डीएसएम स्कूल, वैली व्यू स्कूल।
● प्रदर्शन में शामिल रहें :-
विजय तिवारी, अप्पु तिवारी, अंकित आनंद, डॉ. पुष्पा श्रीवास्तव, प्रवीण प्रसाद, शादाब खान, संजीव कुमार, अमित नंदी, मनोज कुमार, प्रकाश कुमार, सच्चिदानंद सिंह, मुकुल पोद्दार, रवि सोनकर, सुमित गोपाल, दीपक यादव, श्रवण कुमार घोष, रूमा साव, शेखर मंडल, मुकेश राजन, अनिल कुमार ओझा, मनोज कुमार, रौशन लाल, अनवानी बेगम, अमरनाथ चौधरी, श्रीकांत, लल्लू समेत काफ़ी संख्या में अभिभावक प्रतिनिधि मौजूद रहें।