भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट में जारी उठापटक शुक्रवार को और बढ़ गई. दरअसल सिंधिया ने शिक्षकों के समर्थन में अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का ऐलान किया था जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सिंधिया पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि घोषणापत्र पांच साल के लिए होता है न कि पांच महीनों के लिए.यही नहीं कमलनाथ ने शुक्रवार शाम दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी की. इस दौरान कमलनाथ ने सिंधिया की ओर से राज्य सरकार पर किए गए हमले को लेकर खुलकर नाराजगी जाहिर की.कलमनाथ ने पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात हुई है. उन्होंने कहा, मैंने पार्टी अध्यक्ष को बताया कि हमारी सरकार प्रदेश में वचनपत्र के वादों को पूरा करने में कितनी सक्षम है. उन्होंने बताया कि इस दौरान पंचायती चुनाव और नगर पालिका के चुनाव की तैयारियों और संगठन के मुद्दों पर भी बातचीत हुई. इस दौरान जब सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो कमलनाथ ने कहा, वचन पत्र पांच साल के लिए होता है, पांच महीने के लिए नहीं.बता दें कि गुरुवार को सिंधिया ने मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के गांव में गेस्ट टीचर्स को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र को पूरा लागू नहीं करती है तो अपनी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने में नहीं हिचकिचाएंगे.सिंधिया ने कहा था, मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं कि आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थी. मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है.उन्होंने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा था, अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंग पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना.आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा. सरकार अभी बनी है, एक वर्ष हुआ है. थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा. बारी हमारी आएगी, ये विश्वास, मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आए तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपकी तलवार भी मैं बनूंगा.