*शहर में धूमधाम से मनाई गयी काली पूजा, बढ़े जलस्तर के बीच लोगों ने किया विसर्जन, सुरक्षा व साफ सफाई की व्यवस्था रही नदारद*
जमशेदपुर : त्योहारों के दौरान जमशेदपुर की सुरक्षा को चाकचौबंद रखने में जिला प्रशासन मुस्तैद रहती है, दुर्गापूजा, रामनवमी, मुहर्रम जैसे त्योहारों को देखकर ऐसी राय बनाई जा सकती है। लेकिन काली पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान ऐसा कुछ भी नहीं दिखा। आंकड़ों के अनुसार शहर में 500 से ज्यादा जगहों पर धूमधाम से बड़े स्तर पर काली पूजा मनाया जाता है, काली पूजा आयोजन समितियां अपने स्तर पर विसर्जन करती है, लेकिन प्रशासन की नज़र में अभी तक इतने बड़े आयोजन नहीं आ सके है। स्वर्णरेखा का जलस्तर अभी काफी बढ़ा हुआ है, जिससे काली पूजा मूर्तियों के विसर्जन के दौरान कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती थी। इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कोई तैयारी नही की थी, ना ही घाटों पर गोताखारों की व्यवस्था थी।
इस महत्वपूर्ण विषय की तरफ ध्यान आकृष्ठ कराते हुए केंद्रीय दुर्गा पूजा कमिटी के सचिव अरुण सिंह कहते है, कि “काली पूजा, दुर्गा पूजा से भी विशाल पूजा है, सार्वजनिक पूजा के साथ-साथ बड़ी संख्या में घरेलु स्तर पर भी काली पूजा की जाती है। प्रशासन को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति काली पूजा के दौरान भी अपने स्तर पर लोगों से समन्यवय स्थापित कर पूजा को शांतिपूर्ण व सुरक्षित तरीक़े से सम्पन्न करवाने को प्रयास करती है। लेकिन इस दौरान अगर कोई बड़ी घटना होती है, तो इसका कौन जिम्मेवार होगा??”
अरुण सिंह ने शहर के अनगिनत मौसमी हिंदू नामधारी संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि “कुछ लोग दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहारों में सामने आते है, और वो केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के कार्यो के बारे में दुष्प्रचार करने से भी बाज नहीं आते। उन्हें भी काली पूजा व अन्य पूजा में सक्रिय रहना चाहिये। अरुण सिंह ने बताया की वो प्रशासन को इस गंभीर विषय से पर अवगत कराते हुए इसका स्थायी समाधान निकालने की दिशा में कार्य करने की कोशिश करेंगे।