राजेश शुक्ल ने दिखाई सेवा की सराहनीय और अनुकरणीय मिशाल
लॉक डाउन में झारखंड के विभिन्न राज्यों में फसे 40 अधिवक्ताओ ने राजेश शुक्ल की भूरी भूरी की सराहना,उन्हें अपना सच्चा अभिभावक बताया
झारखंड के लगभग 40 अधिवक्ता लॉक डाउन में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलोर, और वेलोर में 2 महीना से अधिक दिनों से फसे हुए है जिनको झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने हर तरह से मदद की है तथा अब वे झारखंड श्री शुक्ल के मदद से पहुच जायेंगे।
श्री शुक्ल जो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री भी है ने निजी तौर पर इलाज में , ठहरने में और वहा सुविधा दिलाने की पूरी मदद की आर्थिक सहयोग दिया तथा उनके खान पान की भी बेहतर व्यवस्था करवाई। मुम्बई में अपने परिजनों का इलाज करा रहे झारखंड के कई अधिवक्ताओ का हॉस्पिटल का सारा बिल भी श्री शुक्ल ने अपने प्रभाव से माफ करवाया जिससे उन अधिवक्ताओ को बड़ी राहत मिली।
अधिवक्ता श्री रमाकांत वर्मा, उपेंद्र सिंह, पुनीत हेम्ब्रम, एस के अंसारी, रमा महतो, रविन्द्र शंकर, और जैनेन्द्र यादव ने आज दिल्ली से पत्र वाट्सएप पर भेज कर कहा है कि राजेश शुक्ल ने एक अभिभावक की तरह हम लोंगो का ख़्याल रखा और रखवाया। हम सब और हमारा परिवार श्री शुक्ल को इस संकट की स्थिति में अपने परिवार जैसा देखभाल कराने के लिए सदैव ऋणि रहेंगे। आज के समय मे झारखंड के अधिवक्ता इस बात पर गौरवान्वित है कि उन्हें श्री शुक्ल जैसा मानवीय भावनाओ से परिपूर्ण नेतृत्व वाईस चेयरमैन के रूप में मिला है जिन्होंने झारखंड स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन का भी दायित्व सफल और शानदार ढंग से पूर्व में निभाया।
श्री शुक्ल ने इस पर पूछने पर बताया कि उनकी सेवा राज्य के अधिवक्ताओं बराबर मिली है और आगे भी समर्पण, निष्ठा, ईमानदारी, तत्परता और कर्मठता के साथ मिलती रहेगी।
श्री शुक्ल ने बताया कि झारखंड स्टेट बार कौंसिल भी अपने सामर्थ्य और उपलब्ध साधन के साथ अधिवक्ताओ के साथ मजबूती से खड़ा है और हम सब की कोशिस है कि किसी अधिवक्ता को कोई परेशानी न हो।
श्री शुक्ल ने कहा है जो अधिवक्ता राज्य से बाहर लॉक डाउन में 2 महीना से अधिक समय से विभिन्न राज्यों में फसे है उनके आने के लिए टिकट की व्यवस्था भी वे करा दिए है ताकि सुव्यवस्थित ढंग से वे सब झारखंड आ सके। उनके परिजनों से भी श्री शुक्ल संपर्क में है।