होशंगाबाद. प्रदेश की 28 सीटों पर एग्जिट पोल में जहां भाजपा की सरकार बनती दिख रही है, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में एक बार फिर से सियासी हलचलें बढ़ गई हैं. सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में कोटा नगर निगम के कई भाजपा पार्षदों का एक दल शनिवार रात पचमढ़ी पहुंचा. 8 लग्जरी गाडिय़ों और 1 बस में पार्षद यहां पहुंचे. उधर कांग्रेस ने भी अपने पार्षदों की राजस्थान में बाड़ाबंदी की हुई है.
पुलिस सुरक्षा में पहुंचे
सूत्रों का कहना है कि राजस्थान के तीन दर्जन से अधिक भाजपा विधायक और करीब इतने ही पार्षद मध्यप्रदेश पुलिस की सुरक्षा में पचमढ़ी पहुंचे हैं. ये सभी लोग तीन होटलों में रूके हुए हैं.
करीब 35 पार्षद
राजस्थान में हो रहे निकाय चुनाव की सियासत मध्य प्रदेश आ पहुंची है. कोटा नगर निगम (दक्षिण) से चुने हुए करीब 35 पार्षदों की पचमढ़ी में बाड़ाबंदी की गई है. इसमें भाजपा और निर्दलीय पार्षद हैं. कोटा में खबर लगते ही सियासी बवाल मच गया. पार्षद कोटा से इंदौर और सीहोर होते हुए पचमढ़ी पहुंचे. इनके पीछे कुछ कांग्रेसी नेता राजस्थान पुलिस के साथ सीहोर गए, लेकिन तब तक पार्षद निकल चुके थे.
बाड़ेबंदी क्यों?
दरअसल, राजस्थान में नगर निगमों के चुनावों के नतीजों की 3 नवंबर को घोषणा हुई थी. कोटा दक्षिण नगर निगम में भाजपा और कांग्रेस के 36-36 पार्षद जीते थे. 8 निर्दलीय जीते. यहां 80 सीटें हैं. अपना महापौर बनाने के लिए दोनों पार्टियों को 41 वोट चाहिए. 8 निर्दलीय में से कुछ भाजपा और कुछ कांग्रेस के पास हैं.