पेरिस: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले के बीच वार्षिक भारत-फ्रांस रक्षा वार्ता समाप्त हो गई. इस वार्ता में राजनाथ का शीर्ष एजेंडा रणनीतिक संबंध को प्रगाढ़ करना था.फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय ‘होटल डे ब्रायन’ में मंगलवार रात राजनाथ ने सैन्य सलामी गारद का निरीक्षण किया.भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लिये फ्रांस से खरीदे गये 36 राफेल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला में प्रथम विमान सौंपे जाने के लिये मेरिनियाक में मंगलवार रात आयोजित एक समारोह में सिंह अपनी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोंरेंस पार्ले के साथ शरीक हुए थे, जहां सिंह को औपचारिक रूप से प्रथम राफेल विमान सौंपा गया.सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने से ठीक पहले नये विमान का शस्त्र पूजन किया और कहा ‘‘यह भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी में एक नया मील का पत्थर है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग एक नये मुकाम पर पहुंचा है. ऐसी उप्लब्धियां हमें और काम करने के लिए प्रेरित करती हैं और जब मैं मंत्री पार्ले से मुलाकात करूंगा तो यह मेरे एजेंडे में होगा.उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जो भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहराई को प्रदर्शित करता है. आज विजयादशमी है और साथ ही भारतीय वायुसेना का 87 वां स्थापना दिवस भी है.’’उन्होंने विमान से उतरने के शीघ्र बाद कहा, ‘‘यह विमान वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ाएगा…यह आत्मरक्षा के लिये प्रतिरोधी शक्ति है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है.’’
सिंह ने कहा, ‘‘मैं हर साल लखनऊ में शस्त्र पूजन करता हूं और आज मैंने फ्रांस में यहां शस्त्र के रूप में राफेल की पूजा की.उल्लेखनीय है कि सिंह ने 19 सितंबर को बेंगलुरु के एचएएल हवाईअड्डे से स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी थी. इसमें उड़ान भरने वाले वह प्रथम रक्षा मंत्री हैं.मंत्री ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाने की उम्मीद है.गौरतलब है कि भारत ने 59,000 करोड़ रूपये के सौदे के तहत सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीद का आर्डर दिया था. चार लड़ाकू विमानों की प्रथम खेप भारत में वायुसेना के अड्डे पर मई 2020 में आएगी.भारत ने 59,000 करोड़ रूपये के सौदे के तहत सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीद का आर्डर दिया था. चार लड़ाकू विमानों की प्रथम खेप भारत में वायुसेना के अड्डे पर मई 2020 में आएगी. सभी 36 लड़ाकू विमानों के सितंबर 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद है.सिंह ने पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के साथ अपनी सार्थक बैठक के दौरान भारत-फ्रांस के बीच मजबूत रणनीतिक संबंधों पर भी चर्चा की थी.