मेडिका अस्पताल के लॉकडाउन के बाद कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन जारी बकाए वेतन, ग्रेजुएटी और बोनस की कर रहे हैं मांग
एक तरफ कोरोना महामारी से पूरा देश परेशान हैं, वही झारखंड के जमशेदपुर जहां स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में अस्पताल पर ताला लगने से अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारियों पर आफत मंडराने लगी है। वहीं सैकड़ों कर्मचारी दो वक्त की रोटी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जी हां हम बात करते हैं बिस्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल की, जहाँ अस्पताल बंद होने के बाद ग्रेजुएटी, साप्ताहिक छुट्टी, बोनस नेशनल हॉलिडे के बकाये राशि के भुगतान की मांगों को लेकर अस्पताल के समक्ष धरना प्रदर्शन के बाद मांगे नहीं माने जाने पर भूख हड़ताल की चेतावनी देने के लिए मज़बूर है. लॉकडाउन के दौरान वर्तमान समय में मेडिका अस्पताल की सेवाएं पूरी तरह से बंद हो गई है, जहां आउटसोर्स कर्मचारियों को 27 अगस्त तक ड्यूटी के लिए नोटिस जारी किया गया था, पर अस्पताल बंद होने की जानकारी मिलते ही विगत 17 जुलाई से ही कर्मचारियों के द्वारा अस्पताल प्रबंधन पर उनके ग्रेजुएटी ,
साप्ताहिक छुट्टी, बोनस नेशनल हॉलिडे के बकाए राशि के भुगतान के लिए दबाव बनाया जाने लगा. पर निष्कर्ष नहीं निकला. थक हार कर आउटसोर्स कर्मचारियों ने आंदोलन का रूप अख्तियार कर लिया है, और मेडिका अस्पताल परिसर के बाहर ही धरना प्रदर्शन कर निष्कर्ष नहीं निकलने पर प्रबंधन को भूख हड़ताल की चेतावनी दी। वही सिक्योरिटी सुपरवाइजर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि प्रबंधन के द्वारा कर्मचारियों को सिर्फ आश्वासन का लॉलीपॉप थमाया जा रहा है, उन्होंने कहा इस कोविड काल मे सारे कर्मचारियों द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक अपनी सेवाएं दी गई और आज उनके ही बच्चे भूखे मर रहे हैं। हालांकि इस मामले में प्रबंधन द्वारा कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया।