मुझे और मेरे कार्यकर्ता को राजनीति के तहत फसाया गया – शिवप्रकास गरीबदास
बछवाड़ा ( बेगूसराय ) बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं बछवाड़ा विधानसभा के विधायक स्व. रामदेव बाबू के पुत्र शिवप्रकाश गरीबदास ने अपने पिताजी श्राद्धकर्म के बाद उनके ऊपर करवाए गए मुकदमें को लेकर सवाल उठाते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। शिवप्रकाश गरीबदास ने कहा मैं आप सबके प्रिय नेता बिहार सरकार के पूर्व मंत्री,पूर्व सांसद सह बछवाड़ा विधायक स्व बाबू रामदेव राय जी जिन्होंने हमेशा आप लोगों के सुख-दुख में साथ दिया और अपना पूरा जीवन बछवाड़ा के लिए समर्पित किया उनके निधन के बाद आज मुझ पर राजनीतिक साजिश के तहत सिर्फ इसलिए मुकदमा कांड संख्या 209/20 दायर करवाया गया है क्योंकि मैंने अपने बाबूजी का श्राद्ध कर्म किया, पुत्र होने के कर्तव्यों का निर्वहन किया एवं सनातन धर्म के रीति-रिवाजों का पालन किया। इस दुख के दौरान जिन लोगो ने मेरा साथ दिया और मेरे परिवार का मदद किया उनमें से 200 लोगो पर भी मुकदमा दायर करवाया है।
मैं इस मुकदमे से डरने वाला नही हूँ, मैं आपके प्रिय नेता और अपने बाबूजी के सम्मान और अपने रीति रिवाजों के लिए जेल जाने को भी तैयार हूँ और आप सभी के सुख-दुख में शामिल होते हुए हर प्रकार के संघर्ष के लिए तैयार हूँ। क्योंकि बाबूजी ने मुझे हमेशा सिखाया है कि अपनों के लिए किसी भी प्रकार की संघर्ष से पीछे नही हटना।
मैं प्रशासन से मांग करता हूँ कि मुकदमा करना है और जेल में डालना है तो मुझे डालिए, बाबूजी के समर्थकों, कार्यकर्ताओं और मेरे शुभचिंतकों को परेशान मत कीजिये।
मेरे बाबूजी ने लगातार 50 सालों तक जनता की सेवा की है, वह सदैव जनता के साथ खड़े रहे, हर परिस्थिति में उन्होंने जनता के हक की लड़ाई लड़ी। अन्य नेताओं के तरह उन्होंने कभी भी अपने नाम से निजी संपत्ति अर्जित करने का ना तो कोई प्रयास किया और राजनीति में रहने के दौरान उन्होंने कभी भी कोई संपत्ति अर्जित नही की। वो सैदव जनता के सुख-दुख में साथी बने।
मैं इस मुकदमे से डरने वाला नहीं हूं लेकिन मैं कुछ सवाल पूछना चाहूंगा कि क्या एक पुत्र को सनातन धर्म के अनुसार अपने पिता का श्राद्धकर्म करने का हक नहीं है ? आखिर मेरा दोष क्या है, मेरे बाबूजी सदैव सादगी से अपना जीवन जीते थे, जनता के साथ हमेशा उनका अपनापन वाला रिश्ता था क्या इसलिए मुझ पर मुकदमा दायर किया गया है ? क्या मेरा दोष यह कि मैं उस रामदेव राय का पुत्र हूं जिन्हें जनता बेशुमार प्यार करती थी और सदैव अपना समर्थन देती थी । मेरे बाबूजी ने सदैव ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता का पालन किया क्या इसलिए इस तरह प्रकार से मुझे परेशान किया जा रहा है ।वह जनता के सुख-दुख के साथी थे इसलिए जनता भी उनके साथ सदैव खड़ी रहती थी क्या इसलिए मुझ पर इस प्रकार से मुकदमा दायर किया गया ? क्योंकि वह जनता के नेता थे इसलिए जनता सदैव उन्हें अपना नेता चुनती थी क्या इसलिए आज उनके निधन के बाद इस तरह की हरकत की जा रही है ?
न्यायालय का सम्मान करते हुए आज मैंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण किया. जिसके उपरांत माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मामले को संज्ञान में लेते हुए मुझे जमानत दिया हैं.