खुटौना (मधुबनी)। स्थानीय अंबेदकरनगर में रविवार से मिथिला पेंटिंग की ट्रेनिंग शुरू हुई।मधुबनी के लोकहित रंगपीठ सेवा संस्थान के द्वारा संचालित इस ट्रेनिंग का उद्घाटन संयुक्त रूप से समाजसेवी नरेश पासवान एवं मंजूर आलम ने फीता काटकर किया। सेवा संस्थान के सचिव तथा ट्रेनर प्रो महेंद्र लाल कर्ण ने इस अवसर पर कहा कि मिथिला की यह प्राचीन चित्रकला क्षेत्र के लोकजीवन में शामिल है। यह कला सदियों से गांव-घरों की भित्तियों एवं देवालयों पर चित्रित हो रही थी। लेकिन यह कला विलुप्त होती जा रही थी। यह अचानक जीवित हो गई और अब तो यह सुर्खियों में रहने लगी। यह कला बड़ी संख्या में शिक्षित एवं अर्धशिक्षित महिलाओं के जीविकोपार्जन का साधन बन गई है। यह रोजगाररोनमुखी कला है। अंबेदकरनगर और आस-पास के गरीब परिवारों की बहू-बेटियां इसमें रुचि दिखा रही हैं। इस अवसर पर उपस्थित मैथिली साहित्यकार डॉ महेंद्र नारायण राम ने पद्म श्री दुलारी देवी की चर्चा करते हुए प्रशिनार्थियो को उनसे प्रेरणा लेने को कहा। सेवा संस्थान के प्रखंड समन्वयक रामसेवक राम ने ट्रेनिंग कक्षा के आयोजन एवं कार्यक्रम संचालन में सहयोग किया। माकपा नेता उमेश घोष, प्रो श्रवण मंडल, जनकल्याण सेवा संस्थान के सचिव धर्मेंद्र कारक, शंभू कुमार सिन्हा तथा कैसर आलम ने अंबेदकरनगर में मिथिला पेंटिंग प्रशिक्षण आरंभ किए जाने पर खुशी जाहिर की है।