मंसूरचक/बेगूसराय/रविशंकर सिंह,
भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले लोक नाटककार भिखारी ठाकुर ने विश्व में भोजपुरी भाषा के माध्यम से बिहार को प्रतिष्ठा दिलाई।अपना पूरा जीवन तंगहाली में व्यतीत करने के बावजूद अपनी साहित्यिक साधना पर कोई आँच नहीं आने दिया अतः इतिहास में उनका नाम स्वर्णकारों में अंकित है।ये बातें बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सह मशहूर फिल्म अभिनेता अमिय कश्यप ने भिखारी ठाकुर के 52 वें पुण्यस्मृति दिवस पर प्रखंड क्षेत्र के हवासपुर गाँव स्थित मानकी संगीत कला केंद्र के सभागार में रविवार को कही।उन्होंने कहा कि देश और खासकर के बिहार के कलाकारों का अध्ययन भिखारी ठाकुर को पढ़े बिना अधूरा है।कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के निदेशक अजय अनंत ने की।इस अवसर पर संस्था द्वारा भिखारी ठाकुर के जीवन पर आधारित पुस्तक से उपस्थित लोगों को सम्मानित भी किया गया।अजय अनंत ने कहा कि भिखारी ठाकुर के दिखाये मार्ग पर चलकर ही यहाँ के कलाकार आगे बढ़ सकते हैं। कार्यक्रम में प्रीति प्रिया, गायत्री कुमारी, स्मिता भारती, रुचि प्रिया, रागिनी, खुशबू कुमारी, खुशी झा, नेहा भारती, रूपम कुमारी, शेखर सुमन, राज प्रियदर्शी, अनुरंजन कुमार, सोनू कुमार, मोनू कुमार, शुभाशीष, चंदन कुमार, गुलशन सहित संगीत के दर्जनों बच्चे उपस्थित थे।बच्चों ने भिखारी ठाकुर की रचनाओं का सस्वर गायन भी किया।