नई दिल्ली. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बैठक के दौरान सीमा पर तनाव खत्म करने को लेकर 5 सूत्री सहमति बनी है. एलएसी पर जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच पांच बिंदुओं पर सहमति बन गई है.
रूस की राजधानी मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच करीब ढाई घंटे मुलाकात के बाद ये खबर सामने आई है. इसके साथ ही दोनों पक्ष इस पर राजी हुए हैं कि बातचीत जारी रखेंगे और सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी. मॉस्को में चल रही शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइजेशन के देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दोनों नेता वहां मौजूद हैं.
पिछले हफ़्ते भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से मुलाक़ात की थी. ये मुलाक़ात भी मॉस्को में ही एससीओ की बैठक के दौरान हुई थी. बैठक की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि बैठक के दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर वर्तमान स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है.
साथ ही दोनों देशों के जवानों के बीच बातचीत जारी रखने, तुरंत पीछे हटने और तनाव कम करने को लेकर सहमति बनी. भारतीय और चीनी विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को सभी समझौतों और प्रोटोकॉल्स का पालन करना चाहिए. क्षेत्र में शांति पर बरकरार रखने और तनाव बढ़ाने वाले कदम उठाने से बचना होगा.
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो पड़ोसी देश होने के नाते यह बहुत स्वाभाविक है कि चीन और भारत में कुछ मुद्दों पर असहमति है, लेकिन अहम बात यह है कि उन असहमतियों को सही परिपेक्ष्य में देखा जाए. न्यूज एजेंसी एएनआई ने चीनी विदेश मंत्रालय के हवाले से लिखा है कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत के संबंध एक बार फिर दोराहे पर खड़े हैं. लेकिन जब तक दोनों पक्ष अपने संबंधों को सही दिशा में बढ़ाते रहेंगे, तब तक कोई परेशानी नहीं होगी और ऐसी कोई भी चुनौती नहीं होगी जिसको हल नहीं किया जा सकेगा.
एक तरफ मॉस्को में जहां दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हुई वहीं दूसरी तरफ़ एलएसी पर सैन्य बातचीत का दौर भी जारी है. गुरुवार को दोनों सेनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत हुई. इससे पहले दोनों देशों के बीच लेफ़्टिनेंट जनरल या कोर कमांडर स्तर की कई राउंड बातचीत हो चुकी है लेकिन तनाव कम करने में कोई विशेष प्रगति नहीं हो सकी है.भारत और चीन दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि उनके सैनिकों ने एलएसी को पार किया और उकसाने की कार्रवाई की.