भारतीय जनता पार्टी महानगर और मंडल कमेटियों के गठन में पार्टी नेता दीपू सिंह की अनदेखी से जमीनी कार्यकर्ताओं में नाराजगी
*नाराज दीपू सिंह ने देवेंद्र सिंह के खिलाफ खोला मोर्चा*
भारतीय जनता पार्टी महानगर कमेटी का विस्तार और मंडल कमेटियों के गठन के बाद पार्टी में आंतरिक विद्रोह थमने का नाम नहीं ले रहा है . गोलमुरी मंडल अध्यक्ष अमरजीत सिंह राजा के इस्तीफे के बाद से पार्टी में खलबली है. कई सदस्यों ने इस्तीफे दिए हैं . नाराज कार्यकर्ताओं की जगह जगह बैठक के चल रही हैं . लेकिन सबसे चकित करने वाली जो बात है वह कदमा मंडल अध्यक्ष रहे दीपू सिंह की अनदेखी किया जाना इसको लेकर पार्टी में ऊपर से नीचे तक के कार्यकर्ताओं में बौखलाहट है . उन्हें न तो महानगर और ना ही प्रदेश स्तर की कमेटी में जगह दी गई . पिछले 20 वर्षों से पार्टी के सजग सिपाही के रूप में काम करने वाले निष्ठावान कार्यकर्ता दीपू सिंह को पार्टी कमेटियों में जगह नहीं मिलने से कार्यकर्ता खासे नाराज हैं. वही दीपू सिंह ने इतना तो जरूर कहा कि वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे और उसी निष्ठा और समर्पण से जिससे वे पहले काम कर रहे थे , लेकिन प्रेस को दिए बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया कि दीपू सिंह महानगर कमेटी के विस्तार और मंडल कमेटियों के गठन से खासे नाराज हैं . दीपू सिंह ने पिछले विधानसभा चुनाव में पश्चिम सिंहभूम से पार्टी प्रत्याशी रहे देवेंद्र सिंह के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली . उन्होंने कहा कि अगर उनकी अनदेखी की गई है तो उसके जिम्मेदार केवल और केवल देवेंद्र सिंह हैं. क्योंकि चुनाव के बाद देवेंद्र सिंह ने उनके खिलाफ पार्टी विरोधी कार्य करने तथा दूसरे पार्टी के प्रत्याशी को सहयोग करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय कमेटी से शिकायत की थी. जिसकी वजह से उन्हें दरकिनार किया गया है. दीपू सिंह ने साफ तौर पर कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बिल्कुल ही बेबुनियाद हैं . वे पार्टी के एक सच्चे सिपाही हैं . उनके खिलाफ एक्शन लिये जाने से पहले उनका पक्ष भी लिया जाना चाहिए था .क्योंकि वे पार्टी के पुराने कार्यकर्ता होने के साथ-साथ कदमा मंडल में पिछले 5 वर्षों से अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं ।पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी उन पर सौंपी उन्होंने उसे समर्पित होकर पूरा किया. कोरोना काल में उन्होंने मोदी केयर फंड में अपनी गाढी कमाई में से ₹100000 दिए . इसके अलावा कोरोना काल में ही उन्होंने कदमा क्षेत्र में 300000 लोगों को निशुल्क भोजन कराया . इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने समर्पित होकर पार्टी प्रत्याशी देवेंद्र सिंह के लिए काम किया . बावजूद इसके उनकी अनदेखी की गई. दीपू सिंह ने देवेंद्र सिंह पर जोरदार हमला बोलते हुये कहा की देवेंद्र सिंह किसी कीमत पर पार्टी के प्रभावी प्रत्याशी नहीं थे . जो पैसे चुनाव लड़ने के लिए दिए गए उससे अपनी जेब भरी . उनके स्वयं के पास कुछ भी नहीं था . चुनाव हारने के बाद वे सरजू राय के साथ मिल गए . ऐसा व्यक्ति जो स्वयं ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल है, वह उन पर कैसे आरोप लगा सकता है . देवेंद्र सिंह में मंडल स्तर की कमेटी के गठन की भी काबिलियत नहीं है . उन्होंने संगठन की मजबूती के लिए आज तक कुछ भी नहीं कर पाए. वैसा व्यक्ति उन पर कैसे आरोप लगा सकता है. पार्टी को चाहिए कि वह देवेंद्र सिंह के खिलाफ जांच करें और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की जांच कराएं. वही देवेंद्र सिंह ने दीपू सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों पर कुछ भी कहने से इनकार किया और कहा है की कमेटियों के गठन का काम उनका नहीं है . कमेटियों के गठन में उनकी सलाह तक नहीं मानी गई है.