भाजपा ने हूल दिवस पर क्रांतिवीरों को किया नमन
● आज़ादी की पहली लड़ाई थी हूल-क्रांति : दिनेश
झारखंड की धरती पर लड़ी गयी हूल-क्रांति देश के आज़ादी की पहली लड़ाई थी। उक्त बातें भाजपा के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने कही। हूल दिवस पर हूल क्रांतिवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उनके सर्वोच्च बलिदान और अप्रतिम योगदानों को याद किया। भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के तत्वाधान में भुइयांडीह चौक पर उक्त कार्यक्रम आयोजित हुई। कार्यक्रम का संयोजन अजजा मोर्चा के जिलाध्यक्ष काजू शांडिल्य ने किया। इस दौरान मुख्यरूप से भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार मौजूद रहें। उन्होंने इस क्रांति में बलिदान हुए सिद्धो-कान्हू, चाँद-भैरव समेत बीस हज़ार बलिदानियों को नमन कर श्रद्धांजलि व्यक्त किया। कहा कि राष्ट्र सदैव इनके प्रति कृतज्ञ रहेगा। भाजपा जिलाध्यक्ष ने हूल क्रांति को देश की आज़ादी का प्रथम आंदोलन बताया। कहा कि हालांकि स्वतंत्रता की पहली लड़ाई तो सन 1857 में मानी जाती है लेकिन झारखंड के आदिवासियों ने 1855 में ही विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया था। 30 जून, 1855 को सिद्धू और कान्हू के नेतृत्व में मौजूदा साहेबगंज जिले के भगनाडीह गांव से विद्रोह शुरू हुआ था। इस मौके पर सिद्धू ने नारा दिया था, ‘करो या मरो, अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो’। भाजपा द्वारा आयोजित श्रद्दांजलि कार्यक्रम में विशेष रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार, पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद सिंह समेत रमेश नाग, कमलेश साहू, शैलेश गुप्ता के अलावे अनुसूचित जनजाति मोर्चा के काजू शांडिल्य, रमेश हांसदा, बीनानंद सिरका, बिजय सोय, गणेश मुंडा, रमेश बास्के, रमेश नाग, पवन सोलंकी, बिजय कुमार गोंड, भुषण मुर्मू, संतोष सांडिल , फिलीपींस तिर्की, सुनिल दिग्गी समेत अन्य मौजूद थे।