वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन द्वारा पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडलों कोटा, जबलपुर, भोपाल के समस्त स्टेशनों, कार्यस्थलों, गैंगचालों, रेलवे कॉलोनियों, वर्कशॉप में रेलकर्मचारियों को बोनस, रेलों के निजीकरण, एनपीएस के प्रति जागरूकता के तहत बोनस अधिकार पखवाड़ा का आयोजन दिनांक 5 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक किया गया. बोनस अधिकार पखवाड़ा के समापन अवसर पर पमरे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने केंद्र सरकार को ललकारते हुए कहा कि बोनस रेल कर्मचारियों का हक और अधिकार है और हम सरकार से इसे हर हाल में लेकर ही रहेंगे.
आज कोटा रेलवे स्टेशन के समक्ष हुये आमसभा को संबंधित करते हुये यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि रेलवे कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत करके अपना खून पसीना बहाकर, रेलवे को पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 15 फीसदी का मुनाफा कमा कर दिया गया है. पूरे भारतीय रेलवे पर रेलकर्मचारी बोनस की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहा है. यूनियन पदाधिकारी रेलकर्मचारियों के कार्यस्थल पर जाकर बताने का कार्य कर रहे है कि सन् 1974 की ऐतिहासिक रेल हड़ताल के बाद रेलकर्मचारियों के संघर्ष के परिणाम स्वरूप रेलकर्मचारियों को मिलना प्रारंभ हुआ है यह रेल कर्मचारियों का अधिकार है हम इसे लेकर रहेगें. केन्द्र सरकार कोरोना महामारी की आड़ में मजदूर विरोधी आदेश जारी कर रही है.
पिछले दिनों नाईट डयूटी बन्द करने एवं कटौति करने के आदेश जारी हुये है इसी प्रकार बिना जॉब एनॉलिसिस के पोईन्टसमैनों एवं स्टेशना मास्टर का डयूटी रोस्टर 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे किया गया है. इससे रेलकर्मचारियों में भारी आक्रोश है.
श्री गालव ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा लगतार वेतन भत्तों में किये जा रहे कटौति के बारे में जागरूक किया जा रहा है. बोनस अधिकार पखवाड़ा दिनांक 16 अक्टूबर 2020 तक पूरे पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडलों कोटा, जबलपुर व भोपाल के समस्त रेलवे स्टेशनों, कार्यस्थलों, गैंगचालों, रेलवे कॉलोनियों में रेलकर्मचारियों को उत्पादक्ता आधारित बोनस (पीएलबी) के इतिहास के बारे में जागरूक किया गया.
श्री गालव ने बताया कि सन् 1974 की रेलहड़ताल के अमर शहीदों की कुर्बानी से मिले बोनस के अधिकार को केन्द्र सरकार द्वारा अनदेखी करने एवं कर्मचारियों के डीए, नाईट डयूटी आदि में कटौति एवं रेलों के निजीकरण, एनपीएस के विरोध में बोनस अधिकार पखवाड़ा मनाया जा रहा है.