नई दिल्ली. भारत-चीन सीमा विवाद के बाद से सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पिछले कुछ महीनों में कई चाईनीज एप्स पर प्रतिबंध लगाया है. एक ओर जहां सरकार चीनी ऐप्स पर बैन लगा रही है तो वहीं अब एक चौंका देने वाली बात सामने आई है. हाल ही में सरकार ने राज्यसभा में एक अहम जानकारी साझा की है जिसके मुताबिक, सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल द्वारा उपयोग किए जाने वाले 50 प्रतिशत से अधिक मोबाइल नेटवर्क उपकरण चीनी कंपनियों के हैं.वहीं, एमटीएनएल के मोबाइल नेटवर्क में 10 प्रतिशत उपकरण या कह लीजिए इक्विपमेंट चीनी कंपनियों के मौजूद हैं. इस बात की जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने राज्यसभा में दी है, उन्होंने बताया की बीएसएनएल के मोबाइल नेटवर्क में 44.4 प्रतिशत उपकरण जेडटीई और 9.0 प्रतिशत उपकरण हुवेई कंपनी के लगे हैं.भारत संचार निगम लिमिटेड और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड के पास फिलहाल 2 जी और 3 जी नेटवर्क ही है. याद करा दें की कुछ महीनों पहले लद्दाख के गैलवान घाटी क्षेत्र में चीनी सैनिकों के साथ सीमा पर झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे. इसके बाद सरकार ने भारत में चीनी कंपनियों के टेंडर भरने और अन्य प्रोजेक्ट्स को भी रद्द कर दिया था.