बिजली विभाग का कर्मचारी बनकर बिल जमा करने के नाम पर 40 से अधिक लोगों को लगाया करोड़ों का चूना
एसएसपी से लिखित शिकायत, सीतारामडेरा थाना को दिया जांच का आदेश
झारखंड बिजली वितरण निगम का कर्मचारी बनकर 40 से 50 लोगों से बिजली का बिल घटाकर जमा करवाने का झांसा देकर रांची का अफताब आलम करोड़ों की ठगी कर फरार हो गया है. आफताब आलम नामक इस शख्स ने जमशेदपुर के भी कई लोगों को अपना शिकार बनाया है और उनसे 10 से 15 लाख रुपए की ठगी की है. जमशेदपुर के सीनियर एसपी डॉ एम तमिल वानन से इसकी लिखित शिकायत की गई है . शिकायत करने वाला कामदेव पान भालुबासा कालिंदी बस्ती नियर बिरसा मेडिकल का रहने वाला है. उसे भी आफताब आलम ने 4 से 5 लाख रुपये का चूना लगाया है . सीनियर एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया है और सीतारामडेरा पुलिस को इसकी जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है . सीनियर एसपी को दी गई लिखित शिकायत के मुताबिक मूलत: ईचागढ़ के बस उरदा गांव का रहने वाला कामदेव पान कई तरह के छोटे-मोटे अविष्कार कर उसकी ऑनलाइन बिक्री करता है . मुख्य रूप से वायरलेस इलेक्ट्रिक, मोशन सेंसर बॉल्व, रिमोट कंट्रोल बल्ब, इलेक्ट्रिक स्कूटर एवं ड्रोन जैसे छोटे-मोटे सामान बनाकर वह उसकी ऑनलाइन बिक्री करता है. इसी क्रम में उसकी ऑनलाइन मुलाकात आफताब आलम से हुई. आफताब आलम रांची के बड़ी मस्जिद हाफिज गली हिंद पीढ़ी का रहने वाला है. उसने अपना परिचय बिजली वितरण निगम के कर्मचारी के रूप में दिया था . कामदेव पान का कहना है कि उसने अफताब आलम से एलईडी बल्ब की ऑनलाइन खरीद बिक्री शुरू की . लंबे समय तक यह क्रम चलता रहा . एक दिन उसने कामदेव पान को बताया कि वह बिजली विभाग का बहुत सारा काम ही करवाता है. जैसे बिल जमा कराना, नया कनेक्शन और भी विभाग के काम करवा देता है. उसने एक बड़ी बात यह भी बताया कि वह बिजली का बिल आधा करवा कर जमा भी करवा देता है और पूरे झारखंड में कहीं का भी काम करवा सकता है. उसका बड़े बड़े अधिकारियों से करीबी संबंध है . घर का भी वह बिजली बिल जमा करवा दिया करता है. एक दिन कामदेव पान ने अपने पड़ोसी को इस बारे में चर्चा की . पड़ोसी ने उसे बताया की उसके घर का बिल ₹21000 है. वह आधा बिल करवा कर उसे जमा करवाने को तैयार हो गया , लेकिन कामदेव पान ने शर्त यह रखी कि अफताब आलम उसका बिल पहले जमा करवा दें. बिल भेजवा दें उसके बाद वह उसका आधा पेमेंट कर देगा. आफताब आलम ने बिना किसी संकोच के उसके बिल ले लिए और उसे जमा करवा कर उसके घर बिल भेजवा भी दिया. बाद में कामदेव ने उसे ₹10000 पेमेंट भी कर दिए . उसके बाद कामदेव का विश्वास बढ़ गया. अब वह अपने घर का भी बिल उसे दे दिया करता और वह जमा कराकर बिल भेज देता था. इसी बीच कामदेव पान के घर में जो बिजली का बिल आया वह दुगुना बनकर आया, यानी कि पीछे वाला बिल भी उसमें जोड़ कर भेजा गया. इसी तरह की शिकायत कामदेव ने जिन अन्य लोगों के बिल अफताब से जमा करवाएं उन लोगों ने भी की और बताया कि उनका बिल भी पहले के बिल में जोड़ कर आ रहा है . इसकी शिकायत कामदेव पान ने अफताब से की तो उसने बताया कि कोई बात नहीं है, फिर वह जमा करवा देगा . गलती से आ गया होगा. यह क्रम लंबे समय तक चलता रहा. अंततः एक बार कामदेव पान अपने घर का बिजली का बिल लेकर विभाग के कार्यालय पहुंचा तो पता चला कि आज तक उसका बिल जमा ही नहीं हुआ. उसके नाम से जो चेक जमा किया गया था, बिल के तौर पर उससे पैसा डिपॉजिट नहीं हुआ और वह लौट गया . कामदेव पान ने रांची जाकर अफताब से भेंट की और उसे पूरी बात बताई. अफताब ने उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और बताया कि सब ठीक हो जाएगा . कुछ गड़बड़ी हुई होगी . उसे ठीक करा लिया जाएगा . उसके बाद तो झारखंड से दर्जनों लोगों की शिकायतें अफताब आलम के खिलाफ मिलने लगी . जिससे उसने बिजली का बिल जमा करने के नाम पर लाखों रुपए की बेईमानी कर ली थी . इन तमाम तथ्यों के सामने आने के बाद जब कामदेव पान ने अफताब आलम से संपर्क करने का प्रयास किया तो उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया . जब वह उनके घर रांची पहुंचा तो पता चला कि वह रांची से भी गायब है. कामदेव पान को इस बात का एहसास हो गया कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं और अब तक बिजली बिल जमा करवाने के नाम पर उनसे 4 से ₹5 लाख रुपये की ठगी की जा चूकी है. इसी तरह से पूरे झारखंड में 40 से 50 लोग अफताब आलम की ठगी का शिकार हुए हैं और करोड़ों रुपए गवा चुके हैं. कामदेव पान का कहना है कि जब उन्होंने अपने स्तर से पता किया तो पता चला कि उसके घर में अफताब आलम द्वारा जो बिजली का बिल भेजा जाता था और ऑनलाइन डिपॉजिट के पेपर दिए जाते थे वह सारा चीज फर्जी था . फर्जी दस्तावेज बनाकर वह लोगों से ठगी कर रहा था . कामदेव पान की लिखित शिकायत पर एसएसपी ने सीतारामडेरा थाना को मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कार्रवाई करने को कहा है.