ढाका. बांग्लादेश की नौसेना ने मानवाधिकार समूह द्वारा चिंता जाहिर करने के बावजूद पांच जहाजों में मंगलवार को 1,700 रोहिंग्या शरणार्थियों को दक्षिणी पोर्ट सिटी चिट्टगांव से किसी एकांत द्वीप पर ले जाया गया है. इस प्रकिया से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं लेने की शर्त पर बताया कि तीन घंटे की यात्रा पूरी करके इन शरणार्थियों को भाषण चार आइलैंड पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वे इस बारे में मीडिया से बात नहीं कर सकते हैं.
रिफ्यूजी को सोमवार कॉक्स बाजार स्थित कैंप से बस से सोमवार की रात को ले जाया गया और उन्हें रात में एक अस्थायी कैंप में ठहराया गया. अधिकारियों का कहना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को उनकी इच्छानुसार आइलैंड पर ले जाया गया. शरणार्थियों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया गया था. हालांकि कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि शरणार्थियों को 34 किलोमीटर दूर द्वीप पर दबाव में ले जाया गया है.
यह द्वीप 20 साल पहले ही अस्तित्व में आया था. इससे पहले यहां कोई आबादी नहीं थी. यहां मानसून की बारिश प्रचुर मात्रा में होती है जिसके चलते यह जलमग्न रहता है. लेकिन अब बांग्लादेश की नौसेना द्वारा 112 मिलियन डॉलर से अधिक की लागत से बाढ़ सुरक्षा तटबंध, घर, अस्पताल और मस्जिद बनाए गए हैं.
इस आइलैंड पर एक लाख लोगों के रहने की सुविधा है लेकिन पड़ोसी देश म्यांमार में हिंसा का दौर शुरू होने से भीड़भाड़ वाले कॉक्स बाजार जिले में करीब 10 लाख रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं. दिसंबर मं इस आइलैंड पर 1,642 रोहिंग्या शरणार्थियों को भेजा गया था. मानवाधिकार समूहों ने उस समय में इनकी सुरक्षा की चेतावनी दी थी.