गिरिडीह के प्रधान डाकघर और टाउन उप डाकघर से फर्जी निकासी मामले की जांच सीबीआई करेगी, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दी स्वीकृति
11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार, 635 रुपए की हुई फर्जी निकासी को लेकर गिरिडीह टाउन थाना में दर्ज है प्राथमिकी
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गिरिडीह डिवीजन के अंतर्गत गिरिडीह के प्रधान डाकघर और गिरिडीह टाउन उप डाकघर में जमा 11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार , 635 रुपए की फर्जी निकासी के जरिए की गई धोखाधड़ी मामले को गहन अनुसंधान हेतु सीबीआई को हस्तांतरित करने के प्रस्वाव को स्वीकृति दे दी है. फर्जी निकासी के इस मामले में गिरिडीह नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज है. ज्ञात हो कि डाक महाध्यक्ष (सेल्स एवं व्यय विभाग) झारखंड परिमंडल, रांची के द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया गया था.
कैसे हुई फर्जी निकासी
गिरिडीह जिले के प्रधान डाकघर से 3 अक्टूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 के बीच 11,64,38,635 रुपए की फर्जी तरीके से निकासी की गई थी. इसके अंतर्गत गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को सूनियोजित साजिश रचकर व धोखा देकर व्यक्तिगत खातों में जमा कर दिया जाता था. इस मामले में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार और सहायक डाकपाल मो अलताफ की संलिप्पता सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.
उग्रवादी हिंसाा में मृतक के परिवार को सहायता पहुंचाने का आदेश
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उग्रवादी हिंसा में मृत स्व. संदीप एक्का के आश्रित पिता श्री पीटर एक्का को एक लाख रुपए की राशि अनुग्रह अनुदान के रुप में भुगतान करने तथा आश्रित बहन ख्रीस्त प्रिया एक्का को अनुकंपा के आधार पर राज्य सरकार के तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. ज्ञात हो कि लातेहार जिला के चंदवा प्रखंड स्थित भुसाड़ गांव के रहने वाले संदीप एक्का की 18 मई 2010 को उग्रवादी हिंसा में मौत हो गई थी.
वहीं, पश्चिमी सिंहभूम जिला के कराईकेला थाना क्षेत्र स्थित टेन्टाईपोदा गांव के रहने वाले अजीत कुमार महतो की भी 23 अप्रैल 2010 को हुई उग्रवादी हिंसा में मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मृतक के आश्रित भाई अजय
महतो को एक लाख रुपए अनुग्रह भुगतान करने के प्रस्ताव पर भी सहमति दे दी है.