नई दिल्ली: अब से कुछ घंटे पहले पृथ्वी के पास से एस्टेरॉयड (उल्कापिंड) गुजर गया. बिना किसी नुकसान के यह खतरा टला गया. भारतीय समयानुसार 3 बजकर 26 मिनट पर यह उल्कापिंड गुजरा और इससे पृथ्वी के किसी हिस्से को कोई नुकसान नहीं हुआ. इसकी पुष्टि दक्षिण अफ्रीका की ऑब्जर्वेटरी की ओर से की गयी.
ऑब्जर्वेटरी की ओर से किए गए ट्वीट में बताया गया है कि यह विनाशकारी उल्कापिंडों में से एक है. इसमें एक वीडियो भी पोस्ट की गई है. हालांकि पहले भी इस बात की उम्मीद जताई गई थी कि यह बिना पृथ्वी से टकराए निकल जाएगा. अब इस तरह का अगला संयोग 2079 में होगा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पृथ्वी से लगभग 40 लाख मील के फासले से गुजरा है. इस उल्कापिंड की खोज हवाईद्वीप समूह पर नीट नाम के प्रोग्राम के तहत हुई थी. इसकी रफ्तार 19 हजार किलोमीटर प्रति घंटा है. इसकी ताजा तस्वीर सामने आई है. ये एक ऐतिहासिक खगोलीय घटना है. इसके बाद ये क्षुद्र ग्रह 2079 में आया. तब यह पृथ्वी के सबसे करीब आ गया. इस विशाल अंतरिक्ष चट्टान का अनुमानित व्यास 1.1 से 2.5 मील (1.8 से 4.1 किलोमीटर) है, या अमेरिका के मैनहट्टन आइलैंड के बराबर चौड़ा है.
साल 1998 OR2 नामक इस उल्कापिंड की खोज एस्टेरॉयड ट्रैकिंग प्रोग्राम के जरिए की गई थी. चपटी कक्षा वाले इस उल्कापिंड की खोज 1998 में हो गई थी. तभी से इस पर शोध जारी है.