*पुलिस विभाग में निलंबन को लेकर डीजीपी ने जारी किए आदेश*
झारखंड पुलिस में अब छोटे-छोटे आरोप लगाकर सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिसकर्मियों को निलंबित करना आसान नहीं होगा. पुलिसकर्मियों को निलंबित किए जाने के कई मामले गलत पाए जाने के बाद झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने इस संबंध में आदेश जारी किया है कि बिना पूरी जांच के ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जाए.
*अब किन परिस्थितियों में होगा निलंबन*
डीजीपी एमवी राव ने बताया कि अब निलंबन केवल उन्हीं मामले में होगा जिसमें ऐसा लगे कि संबंधित पुलिसकर्मी के वहां होने से जांच प्रभावित हो सकता है. अगर कोई पुलिस अधिकारी कोर्ट में झूठा साक्ष्य देने का दोषी विभाग में पाया जाता है तब भी उसे पूर्व में निलंबित नहीं किया जा सकता है, जब तक इस मामले में कोर्ट का फैसला न आ जाए. आदेश में जिक्र है कि कोर्ट के फैसले से पूर्व अगर किसी पुलिसकर्मी को निलंबित किए जाने से यह ज्ञात होता है कि कोर्ट के निर्णय पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की कोशिश हो रही है, तब इसमें अधिकारी अपने स्वविवेक से निर्णय ले सकते हैं. यदि किसी पुलिसकर्मी के ऑन ड्यूटी रहने पर केस के अनुसंधान में प्रभाव डालता है तो उसे निलंबित न करके उसका स्थानांतरण कर देना चाहिए. इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को निलंबन करने से पूर्व इसकी जानकारी एसपी को डीआईजी को देनी होगी.