पत्रकारों को भी मिले डॉक्टरों , प्रशासनिक पदाधिकारीयों व पुलिसकर्मियों की तरह बीमा की सुविधा तथा सुरक्षा किट :देवानंद सिंह
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निजाम खान
राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष सिंह के निर्देश के बाद मैं देश के तमाम प्रकाशकों के संपर्क में हूं लॉक डाउन के बाद दिल्ली में होगा प्रकाशकों का होगा महाजुटान:देवानंद सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन
कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने कोरोना संकट से उत्पन्न आर्थिक मोर्चे की कठिनाइयों पर प्रधानमंत्री को 5 सुझाव दिए हैं जिनमें एक अगले 2 वर्षों तक मीडिया को सभी सरकारी विज्ञापन बंद करने की बात भी शामिल है ,
मेडिकल संबंधी विज्ञापनों को छोड़ कर । सरकारी उपक्रमों के विज्ञापन भी बंद करने का भी उन्होंने सुझाव दिया है ।यह सुझाव बहुत ही अव्यवहारिक एवम मीडिया के लिए घातक तो है ही आम जन के लिए भी अत्यंत ही अंधकार फैलाने वाला साबित हो जाएगा अगर सरकार इसे स्वीकार करती है। सरकारी विज्ञापन पर सरकार के बजट का 1 प्रतिशत भी खर्च नहीं होता लेकिन इसका कई गुणा लाभ सरकारी योजनाओं के आम जन के बीच प्रचार प्रसार के रूप में सामने आता है। मीडिया का अर्थतंत्र विज्ञापन पर आधारित होता है। अगर विज्ञापन नही मिले तब मीडिया का अर्थतंत्र चरमरा जाएगा और आम लोगों और सरकार के बीच संवादहीनता पैदा होगी । मीडिया लोकतंत्र में कितना अहम रोल निभाता है यह बताने की जरूरत नहीं।मीडिया को बंद करने की कोशिश आपात्काल में की गई थीं उसका कितना खतरनाक नतीजा सामने आया था यह पूरे देश और दुनिया ने देखा । श्रीमती गांधी की यह सलाह किसी दृष्टि से ग्राह्य नहीं। अगर श्रीमती गांधीऔर उनके परिजनों की सुरक्षा पर होने वाले खर्च को बंद किया जाए तो बहुत बचत हो सकती है तो क्या ऐसा करना स्वीकार्य हो सकता है?
ब्रिज भूषण सिंह,
प्रदेश अध्यक्ष लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन झारखंड
संपादक, न्यू इस्पात मेल हिंन्दी दैनिक, जमशेदपुर प्रबंध संपादक , चमकता आईना
सरकार को लिखे सोनिया गांधी के पत्र की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है कोरोना वायरस की इस जंग में मीडिया कर्मी भी फ्रंट पर काम कर रहे हैं इनकी भी एक करोड़ की बीमा होनी चाहिए: संजय राठी
प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा जर्नलिस्ट ऑफ यूनियन
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का पीएमओ को लिखा गया पत्र हताशा का प्रमाण है उनके लिखने से सरकार निर्णय नहीं बदल देगी अगर वह पत्रकारों की हित की बात करते तो कुछ बात भी होती कोरोना वायरस लॉक डाउन के दौरान पत्रकार पूरी तरह से चौथे स्तंभ की भूमिका निभा रही है इस स्थिति में सरकार को डॉक्टरों पुलिस पदाधिकारियों और सफाई कर्मियों की तरह बीमा कराना चाहिए. मैंने प्रधानमंत्री और उड़ीसा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पत्रकारों की बीमा कराने की मांग की है
सनत मिश्रा
ऑल इंडिया नेशनल जर्नलिस्ट वेलफेयर बोर्ड उड़ीसा
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के मन में यह बैठ गया है कि अखबार वाले उनकी समाचार को प्राथमिकता नहीं देती है और इसी हताशा में पीएम को लिखा गया पत्र है सरकार अगर इस पर विचार नहीं करती है तो गांव की बात शहरों तक और शहर की बात गांव तक जाना बंद हो जाएगा एक सोची-समझी साजिश के तहत कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएमओ को यह पत्र लिखा है
मंगला नंद झा
प्रदेश अध्यक्ष लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन बिहार
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिमाग में एक अजीब सी गलतफहमी घुस गई है जो मीडिया के लिए है जबकि सोनिया गांधी जी को यह सोच लेना चाहिए कि अगर मीडिया नहीं होगी तो आम जनता को जो खबरें मिलती हैं
जिन खबरों के बल पर देश के सभी छोटे बड़े नेता को अपने मुकाम तक पहुंचने का अवसर मिलता है वह सब खत्म हो जाएगा जब कांग्रेश पार्टी की कोई भी खबर आम जनता तक नहीं पहुंचेगी तो आम जनता सोनिया गांधी वह कांग्रेस के नेताओं को पहचान भी नहीं पाएगी और जब आम जनता किसी नेता को नहीं पहचाने की तो उस नेता और पार्टी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा इसलिए मीडिया को अनदेखा ना करते हुए मीडिया कर्मियों को भी पुलिस प्रशासन की तरह सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए
अजब सिंह यादव
प्रदेश अध्यक्ष लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश