नई दिल्ली: अगले महीने से उन गाड़ी मालिकों को इलेक्ट्रॉनिक टोल लेन में घुसने पर दो बार टोल चुकाना होगा, जिनकी गाड़ी पर FASTag नहीं लगा होगा. सरकार 100 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन हासिल करने के लिए यह कदम उठा रही है. परिवहन मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में ऐलान किया था कि 1 दिसंबर से देशभर के नैशनल हाइवे के टोल प्लाजा सभी लेन इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस होंगे, ताकि लोगों पर टोल प्लाजा पर बेवजह समय न गंवाना पड़े.यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगेगा, जो बैंक अकाउंट या नैशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पेमेंट वॉलिट से जुड़ा होगा. इससे गाड़ी मालिकों को टोल प्लाजा से गुजरते रुकने की जरूरत नहीं होगी और रकम अकाउंट से अपने आप कट जाएगी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, हम जैसे जैसे दिसंबर की डेडलाइन की ओर बढ़ रहे हैं, गाड़ी मालिकों को भी FASTags सिस्टम अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. अगर कोई विंडस्क्रीन पर FASTags लगाए बगैर ETC लेन में जाता है तो उसे दो बार टोल चुकाना होगा.हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स ने 9 जुलाई को खबर छापी थी कि सरकार देशभर के नैशनल हाइवेज पर टोल चुकाने के लिए FASTags को मैंडेटरी करने का प्लान बना रही है. नैशनल हाइवेज फी (रेट और कलेक्शन निर्धारण) रूल्स, 2008 के मुताबिक, किसी टोल प्लाजा में FASTag लेन FASTag यूजर्स की आवाजाही के लिए खासतौर पर रिजर्व है. अगर कोई गाड़ी मालिक बगैर FASTag के FASTag लेन से गुजरता है तो उसे दोगुनी फीस वसूली जाएगी.सूत्र ने बताया कि सभी टोल प्लाजा पर डायमेंशनल या ओवर-साइज गाड़ियों की निगरानी के लिए एक हाइब्रिड लेन की मंजूरी दी जाएगी. यहां एक FASTag और अन्य माध्यमों से भुगतान लिया जाएगा. इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. अधिकारी ने कहा, ‘यह ऐसा सिस्टम है, जिसे हम सख्ती से लागू करने वाले हैं. सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भी पिछले हफ्ते सभी टोल प्लाजा पर 100 प्रतिशत ETC को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए अधिकारी तैनात किए हैं.