नई शिक्षा नीति में चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम लागू करने के लिए ज्यादा मोहलत दिए जाने के बावजूद प्रदेश में यह पहले ही लागू हो सकता है. नई शिक्षा नीति लागू करने को गठित उच्च शिक्षा विभाग की स्टीयरिंग कमेटी को इस संबंध में लगातार सुझाव मिल रहे हैं. ऐसे में यह पाठ्यक्रम वर्ष 2022 से ही लागू करने पर विचार चल रहा है.
प्रदेश में इस समय दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम लागू है. अभ्यर्थी चाहे स्नातक हो या स्नातकोत्तर उसे दो वर्षीय बीएड ही करना पड़ता है. हालांकि नई शिक्षा नीति में स्नातकोत्तर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को एक वर्षीय बीएड करने की छूट देने का भी प्रावधान है.
दो वर्षीय बीएड केवल स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को करना होगा. नई शिक्षा नीति में यह प्रावधान है कि वर्ष 2030 के बाद केवल चार वर्षीय बीएड करने वाले ही शिक्षक भर्ती के लिए पात्र होंगे. इस तरह वर्ष 2026 तक दाखिला लेकर स्नातक के साथ बीएड की डिग्री हासिल करने वाले पात्रता की श्रेणी में आ जाएंगे यह पाठ्यक्रम इंटरमीडिएट के बाद ही चुनना होगा.
स्टीयरिंग कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि चार वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित करने की तैयारी पहले से चल रही थी. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह पाठ्यक्रम ज्यादा उपयोगी होगा. इससे शिक्षण कार्य के प्रति प्रतिबद्ध लोग आगे आएंगे. ऐसे में इसे लागू करने में देर करने की जरूरत नहीं है केंद्र सरकार की मंशा भी है कि नई शिक्षा नीति वर्ष 2022 से लागू कर दी जाए.