नई दिल्ली: टैरिफ में बढ़ोतरी के बावजूद टेलिकॉम सेक्टर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. एजीआर बकाये को लेकर पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहीदूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 1,035 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ.हालांकि, इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में कंपनी को 86 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था. बयान में कहा गया है कि इस दौरान कंपनी की आय में वृद्धि हुई है.दिसंबर 2019 को समाप्त तिमाही में कंपनी की आय 8.5 प्रतिशत बढ़कर 21,947 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 20,231 करोड़ रुपये थी.भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गोपाल विट्टल ने एक बयान में कहा, उद्योग की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए दिसंबर 2019 में शुल्क दरों में संशोधन स्वागत योग्य कदम है, लेकिन हमारा मानना है कि आने वाले समय में शुल्क में और बढ़ोतरी होनी चाहिए, ताकि उद्योग उभरती प्रौद्योगिकी में निवेश करने में सक्षम हो.’आलोच्य अवधि में भारती एयरटेल इंडिया का राजस्व एक साल पहले की तीसरी तिमाही के मुकाबले सात प्रतिशत बढ़कर 15,797 करोड़ रुपये हो गया. इससे पहले वर्ष की दूसरी तिमाही में भारती एयरटेल ने अब तक का सबसे बड़ा 23,045 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था. कंपनी द्वारा 28,450 करोड़ रुपये उच्चतम न्यायालय के फैसले के तहत सांविधिक बकाये के लिए रखे जाने से यह घाटा हुआ.