डॉ. विजय कृष्ण श्रीवास्तव को झारखंड सरकार की लापरवाह सिस्टम ने मारा : भाजपा
● झारखंड में इंसान तो इंसान ‘भगवान’ भी सुरक्षित नहीं : कुणाल
● डॉ. विजय मामले में भाजपा ने की उच्चस्तरीय जाँच की माँग
गोड्डा के पोड़ैयाहाट अंतर्गत देवदांड़ स्वास्थ्य केंद्र में सेवारत डॉक्टर विजय कृष्ण श्रीवास्तव की असामयिक मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस आशय में कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला झारखंड सरकार के स्तर से बरती गई व्यापक लापरवाही और संवेदनहीनता का प्रतीत होता है। सक्षम विभागों और जिम्मेदार अधिकारियों से गुहार लगाने के बावजूद वेतन अभाव में कष्टकारी मृत्यु होना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। कहा कि लोकमान्यताओं और जनश्रुतियों के अनुसार चिकित्सकों को मानवीय रूप में ‘ईश्वर’ की अवधारणा मानी जाती है।। असीम श्रद्धा और विश्वास से लोग इनके समक्ष अपना मर्म व्यक्त करतें है ताकि समुचित उपचार संभव हो। यह दुःखद है कि भगवान रूपी डॉक्टर झारखंड में लापरवाह सरकारी व्यवस्था का दंश झेलकर काल के गाल में समा गयें। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कोविड-19 के समय से ही देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वॉरियर्स के रूप में असीम श्रद्धा और सम्मान दिये जा रहें, किंतु उनके मूलभूत जरूरतों और वेतन का समय पर भुगतान नहीं होगा राज्य की चौपट व्यवस्था और जंगल राज को इंगित करता है। भाजपा ने मामले में उच्चस्तरीय जाँच और लापरवाही पदाधिकारियों के विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई की माँग की है।
● गोद में बच्चे संग आत्मदाह करने वाली बैसाखी मुर्मू मामले में जवाब दे सरकार : भाजपा
जामताड़ा के नाला अंतर्गत सुनियापानी गांव निवासी दिवंगत बैसाखी मुर्मू मामले में भाजपा ने झारखंड सरकार से जवाब की माँग की है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि धन अभाव में बच्चे के इलाज करा पाने में असामर्थ्य बैसाखी मुर्मू का बच्चे सहित आत्मदाह करना हृदय को झकझोरने वाली घटना है। कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति के उपचार के लिए ही पीएम मोदी ने महत्वपूर्ण आयुष्मान भारत योजना का लोकार्पण किया। यह दुःखद है कि राजनीतिक ईर्ष्या के कारण वर्तमान गठबंधन सरकार जनता को आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित नहीं करा ही है। भाजपा प्रवक्ता ने झारखंड सरकार की शासन व्यवस्था और स्वास्थ्य विभाग को चौपट करार देते हुए कहा कि धन अभाव में लोगों का उपचार नही हो रहा और सरकार बेसुध है। इस मामले में भाजपा ने झारखंड सरकार से 24 घँटों के अंदर पक्ष स्पष्ट करने को कहा है।