डाॅ आशा गुप्ता की अध्यक्षता और डॉ कल्याणी कबीर के संचालन में ऑनलाइन कबि गोष्टी
तीन मई को सांध्य काल में सात बजे
अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन
(ए आई पी सी)
की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । डाॅ आशा गुप्ता की अध्यक्षता और डॉ कल्याणी कबीर के संचालन में आयोजित इस गोष्ठी में शहर की कवयित्रियों ने अपनी रचनाएँ पढी।
इस वैश्विक महामारी में भी साहित्य के पटल ने अपना सृजन और अपनी जीवंतता बनाए रखा है ताकि मानवीय संवेदनाएँ जीवित रहें और निराशा का अँधेरा छटे ।
सरिता सिंह जी ने “कुशल मंगल कविता”
जब तक हांथ बेलती रही रोटी,
जब तक गुनगुनाती रही लोरी।
आनंदबाला शर्माजी ने “बस एक बार कुछ ऐसा हो जाए समय बहने लगे विपरीत दिशा में”,
पद्मा प्रसादजी ने-
हम नारी हैं,एक शक्ति हैं,
इस गौरवशाली देश के,
चाहे कितने युग आए,
जगत जननी ही कहलाए।
डाॅक्टर अनिता शर्मा ने (फुर्सत के इन क्षणों को आज जरा जी लो ना)
डॉ कल्याणी कबीर . ने” उम्मीद का सूरज”-
जब चाँद चेहरे बदलता है ,
एक ख्वाब घुट घुट के मरता है !
डॉ संध्या सिन्हा ने ग़ज़ल
“अपने पर अपना ही पहरा
आया वक़्त बहुत ही गहरा”
अर्पणा संत सिंह ने “देह मात्र आवरण है आत्मा का”
तथा डॉ आशा गुप्ताजी ने अपनी रचना ( हौसला तू तोड़ ना सकेगा कोरोना कर सितम
राह चलती मैं जिंदगी की गीत गाती हूँ ) सुनाई।
डॉ अनिता शर्मा नें धन्यबाद ज्ञापन दिया