बिरनी/गिरीडीह
बिरनी प्रखण्ड कार्यालय के समक्ष एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्च के बैनर तले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया इस सभा को संबोधित करते हुए मनोज शर्मा ने कहा कि झारखंड सरकार के उमाशंकर सिंह और एपी सिंह ने जिस प्रकार से तुगलकी फरमान जारी किया है इसकी बिरनी इकाई के पारा शिक्षक मोर्चा घोर निंदा करती हैं
सरकार ने जिस प्रकार से पारा शिक्षको को अप्रशिक्षित के नाम पर , डीएलएड करने वालो को एनसी के नाम , दस दिवसीय सेवा कालीन प्रशिक्षण नही करने के नाम पर , तथा बिना स्पस्टीकरण दिए मई , जून माह का पारा शिक्षकों का मानदेय रोक दिया गया है यह हिटलरशाही को दर्शाता है।
17 जनवरी 2019 के समझौते पत्र के अनुसार वेतनमान और स्थाईकरण का नियमावली 90 दिनों में लागू करने का वादा किया गया था लेकिन आज 164 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार एक कदम भी नही बढ़ी हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि रघुवर सरकार पारा शिक्षकों सिर्फ छलने का काम कर रही है । अब इस वादाखिलाफी सरकार के खिलाफ बिरनी के पारा शिक्षकों ने कमर कस कर फिर से आंदोलन का विगुल फूंक दिया है वही
रिसाल चंद यादव ने
कहा कि बिरनी प्रखण्ड में एनसी के नाम पर 29 पारा शिक्षकों का मानदेय रोक दिया गया है अब
इन शिक्षिकों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। हरिहर मोदी ने कहा कि सरकार तत्काल इस समस्या का समाधान नहीं करती हैं तो 15 नवम्बर से भी बड़ा आंदोलन होगा मनोज दास ने कहा कि इस हिटलरशाही सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे ।
इसके अतिरिक्त इस सभा को , बिनोद यादव , फिदा हुसैन , बिनोद यादव ,अजय पांडेय ने भी संबोधित करते हुए पारा शिक्षकों में जोश भरते हुए एक जुट रहने का आह्वान किया ।
इस सभा कि अध्यक्षता बिनोद यादव और संचालन रिसाल चंद यादव ने किया ।
इस सभा मे मुख्य रूप से शहाबुद्दीन अंसारी , किशोर शर्मा , नागेश्वर वर्मा ,चेतलाल यादव , चंचल पांडेय , बासुदेव यादव , अरुण शर्मा , मुस्लिम अंसारी , जमाल अंसारी , पुरषोत्तम कुमार , प्रवीण साव , पोखन महतो , तालेबर शर्मा , इसके अलावा सैकड़ो की संख्या में पारा शिक्षक / शिक्षिकाएं मौजूद थे ।