निजाम खान
*सभी प्रखंडों में एफपीओ का गठन कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, मत्स्य पदाधिकारी, पशुपालन पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी समन्वय स्थापित कर करे:- उपायुक्त जामताड़ा श्री फैज अक अहमद मुमताज (भा.प्र.से.)*
आज दिनांक 18 अगस्त 2020 को जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त जामताड़ा श्री फैज अक अहमद मुमताज(भा.प्र.से.) के अध्यक्षता में एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड(AIF) एवं किसान उत्पादक संगठन(FPO) से संबंधित बैठक आहूत की गई।
उपायुक्त जामताड़ा द्वारा बताया गया की फंड फाइनेंसिंग सुविधा उत्पादित फसल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और फसलों के भंडारण से जुडे इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए दी जाएगी। इन केंद्रों में मुख्य एग्री कोऑपरेटिव सोसायटी, फार्मर प्रोड्यूसर ऑगेनाइजेशन, कंपनियां और स्टार्टअप शामिल हैं। इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर में कोल्ड चेन, आधुनिक स्टोरेज फैसिलिटी, फसल को खेतों से सेंटर तक ले जाने के लिए बेहतर ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटी उपलब्ध कराना शामिल हैं। उपायुक्त ने कहा ही इससे किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्यस प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
उपायुक्त जामताड़ा ने कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, मत्स्य पदाधिकारी, पशुपालन पदाधिकारी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की सुविधा देने हेतु आवश्यक कार्रवाई करें अधिक से अधिक किसानों को जोड़ें।
उपायुक्त ने कहा कि इस योजना की रूपरेखा देख लें साथ ही कैसे मार्केटिंग किया जाएगा। किसानों के फसलों को सीधा बाजार में किस तरह से लाया जाएगा यह सुनिश्चित कर लें।
तत्पश्चात उपायुक्त जामताड़ा ने एफपीओ से संबंधित जानकारी दिया कहा कि सरकार ने अगले 5 साल में 10 हजार FPOs गठन करने का लक्ष्य रखा है। तीन एजेंसियों को एफपीओ की स्थापना व प्रचार के लिए चुना गया है। ये तीनों हैं- एसएफएबी, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)।
इन क्ल्स्टर स्तर के संगठनों में फसल किसानी, कृषि बाज़ार, मूल्यवर्धन और प्रसंस्करण, सामाजिक सक्रियता, विधि एवं खाता और सूचना प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ होंगे जो हर समस्या का समाधान दे पाएँगे।
उपायुक्त ने बताया की यह योजना से किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास की जा रही है।
इससे अधिक महत्त्वपूर्ण यह कि सरकार किसानों को सशक्त करना चाहती हैं। छोटे और सीमांत किसानों के पास उत्पादन तकनीक, सेवाएँ, बाज़ारीकरण और मूल्यवर्धन के लिए आर्थिक सामर्थ्य नहीं होता है।
एफपीओ के स्थापित होने से किसानों को बेहतर इनपुट गुणवत्ता, तकनीक, मशीनीकरण, ऋण और बाज़ार तक पहुँच मिलेगी। इससे किसान अपनी लागत बचा पाएँगे और एफपीओ सामूहिक रूप से मोल-भाव करके उन्हें फसल का बेहतर दाम भी दिलाएगा।
एफपीओ को एक जिला, एक उत्पाद कार्यक्रम के साथ बढ़ावा दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक क्लस्टर में किसी एक उत्पाद की विशेषज्ञता, प्रसंस्करण, बाज़ारीकरण, ब्रांडिंग और निर्यात को बेहतर करना है।
एफपीओ के माध्यम से किसान अपने उत्पाद पर ऋण भी ले सकते हैं। इससे किसान कम आपूर्ति वाले समय में अपना उत्पाद बेचकर अधिक दाम कमा सकते हैं।
जिला कृषि पदाधिकारी श्री सबन गुडिया द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 265 किसान समूह का गठन किया गया है। किसान समूह के द्वारा किसी भी तरह के योजना के तहत लाभ दिया जा सकता है।
डीडीएम नाबार्ड द्वारा बताया गया कि जिला अंतर्गत कुंडहित प्रखंड क्षेत्र में एक FPO कार्यरत है जिसमें पोल्ट्री एवं मछली का उत्पादन किया जा रहा है।
जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिला में कितने लैंपस हैं लैंपस में कितना भंडारण क्षमता है इसका प्रतिवेदन दें।
मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी श्री सबन गुड़िया, जिला उद्यान पदाधिकारी, अग्रणी जिला प्रबंधक श्री एस एल बैठा, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला KVK श्री संजीव कुमार , जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री दीपांकर शीट, बाजार समिति सचिव, जिला प्रबंधक नाबार्ड जामताड़ा श्री आनंद कुमार सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।