नयी दिल्ली: निर्भया के दोषियों की दया याचिका खारिज होने के बाद अब उनकी फांसी की तैयारियां शुरू हो गई हैं. हालांकि इसमें सबसे बड़ा पेंच है जल्लाद की तलाश क्योंकि तिहाड़ जेल में फांसी के लिए कोई जल्लाद नहीं है. इसी बीच फांसी की तारीख को लेकर भी कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं, जिसमें दिसंबर 2019 का ही एक दिन फांसी के लिए तय बताया जा रहा है.निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषी तिहाड़ जेल में ही बंद हैं. सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन से अनौपचारिक बातचीत चल रही है. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुशंसा की थी कि 23 वर्षीय पैरा मेडिकल छात्रा से दुष्कर्म कर उसकी हत्या के मामले में एक दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी जाए.इसके एक दिन निर्भया कांड के दोषी विनय शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रपति के पास एक याचिका भेजकर उनसे अनुरोध किया था कि गृहमंत्रालय ने उसकी जो दया याचिका उन्हें भेजी है उसे तुरंत वापस कर दें. विनय शर्मा ने अपनी ताजा याचिका में कहा था कि जो दया याचिका गृहमंत्रालय ने राष्ट्रपति को भेजी है उसमें न तो उसके हस्ताक्षर हैं और न ही उसके द्वारा अधिकृत है, इसलिए राष्ट्रपति उसे वापस कर दें.बता दें कि निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 की रात सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि एक आरोपी ने सुनवाई के दौरान ही खुदकुशी कर ली थी. एक दोषी को नाबालिग होने की वजह से तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया.सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर 2018 को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें केंद्र सरकार को मामले के दोषी मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को मिली फांसी की सजा पर अमल करने के निर्देश देने की मांग की गई थी.गौरतलब है कि तिहाड़ जेल में आखिरी बार फांसी की सजा 13 फरवरी 2013 को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को दी गई थी.