आखिरकार मेडिका अस्पताल प्रबंधन ने जमशेदपुर यूनिट को बंद करने का फैसला ले लिया है विधिवत आज इसकी घोषणा किए जाने के बाद मेडिका अस्पताल के कर्मचारियों ने गुरुवार की सुबह जमकर हंगामा किया वे लोग मेडिका अस्पताल प्रबंधन के इस घोषणा को तुगलकी फरमान बताते हुए आदेश वापस लेने की मांग की कर रहे थे जानकारी हो की अस्पताल मेडिकल प्रबंधन की इस घोषणा के बाद सैकड़ों कर्मचारियों के बेरोजगार होने का खतरा पैदा हो गया है हालांकि प्रबंधन के चेयरमैन ने कर्मचारियों को यह विकल्प दिया है कि वे कोलकाता अथवा शिलांग यूनिट में ज्वाइन कर सकते हैं उल्लेखनीय है की राष्ट्र संवाद ने पिछले दिनों अपने समाचार संकलन में इस खबर को प्रमुखता से स्थान दिया था कि मेडिका अस्पताल जमशेदपुर यूनिट कभी भी बंद हो सकता है अंततः आज सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा कर दी गई बताते चलें की वर्ष 2014 में कांति लाल मेमोरियल ट्रस्ट ने टाटा स्टील के सहयोग से जमशेदपुर में मेडिकल यूनिट की शुरुआत की थी उन दिनों राज्य में भाजपा की सरकार थी और राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर यूनिट की फीता काटकर शुरुआत की थी लेकिन वर्तमान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा अस्पताल पर लीज और ट्रस्ट की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए इसके व्यवसायिक इस्तेमाल की बात का जांच के आदेश दे दिए थे जांच रिपोर्ट में पाया गया कि मेडिका अस्पताल ने नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया है जांच रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने जमशेदपुर यूनिट को बंद करने का विचार कर लिया था अंततः आज इसकी घोषणा भी कर दी गई