निजाम खान
जामताड़ा: इस समय जामताड़ा जिला के कुंडहित प्रखंड क्षेत्र के खजूरी पंचायत में मनरेगा कार्य में घोर अनियमितता देखी जा रही है!जिसमें सबसे बड़ी लापरवाही पंचायत के रोजगार सेवक सनाउल हक की देखी जा रही है!साथ ही साथ पंचायत के मुखिया सरला मरांडी की भी पंचायत के विकास कार्यों में दिलचस्प नहीं है कहने के बराबर कहा जा सकता है!वही देखा जाए तो कनीय अभियंता की भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है!आपको बता दें पंचायत क्षेत्र का दौरा किया गया तो पता चला रसूलपुर और भूईयापाड़ा के मध्य मेड़बंदी में काफी घोर अनियमितता देखी गई!मिली जानकारी के मुताबिक मेड़बंदी में 6 फूट लंबाई 3,फुट चौड़ाई और 6 इंच गहराई होना चाहिए!लेकिन सिर्फ और सिर्फ मेड़बंदी में घास छिलने का ही काम देखा गया!यही नहीं पंचायत क्षेत्र के विभिन्न जगह पर मनरेगा कार्य का दौरा करने पर पता चला कि किसी भी योजना स्थल पर योजना बोर्ड नहीं लगाया गया है! यही नहीं भुईयापड़ा में एक तालाब देखा गया जिसका प्राकल्लित राशि ₹4 लाख 60 हजार 216 है!जिसमें भी काफी कम गहराई देखा गया!स्थानीय लोगों के मुताबिक पंचायत के मनरेगा कार्य की वरीय पदाधिकारी द्वारा अगर गहणतापूर्वक जांच किया जाए तो रोजगार सेवक सनाउल हक की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आ सकती है!गौरतलब है कि सरकार द्वारा जल स्तर को नीचे जाने से रोकने के लिए विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है!मुखिया सरला मरांडी खजूरी पंचायत की जनप्रतिनिधि है, इस ओर ध्यान देना ही चाहिए !ताकि सरकार की राशि का दुरुपयोग ना हो सके, साथ ही साथ क्षेत्र का विकास हो सके!पर ऐसे मामला देखने पर मुखिया, रोजगार सेवक व कनीय अभियंता की मिलीभगत कहने से इनकार नहीं किया जा सकता है!