नई दिल्ली: 11 दिसंबर, 2019 बुधवार का दिन भारत के इतिहास में दर्ज हो गया है. लोकसभा के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में भी पारित हो गया. इससे पहले लोकसभा में यह बिल पास हो चुका है. विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि इस बिल के विरोध में 105 वोट पड़े. राज्यसभा में सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित.इस विधेयक के पास होने के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इस विधेयक में दूसरे देशों में रहने वाले हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध समेत छह धर्मों के नागरिकों को शामिल किया गया है.नागरिकता संशोधन विधेयक में संशोधन के विपक्ष के प्रस्ताव वोटिंग में एक-एक करके गिरते जा रहे हैं. सरकार के पास पर्याप्त संख्या होने की वजह से उसका पलड़ा भारी दिख रहा है. अभी तक सभी संशोधन प्रस्ताव 124 मतों से गिर चुके हैं. पहला प्रस्ताव बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने का था. इसके बाद आठवें नंबर के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जो टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने दिया था. वह भी लगभग इसी अंतर से गिर गया. डेरेक ओ ब्रायन के प्रस्ताव के पक्ष में सिर्फ 98 वोट पड़े, जबकि केंद्र सरकार के पक्ष में 124 वोट पड़े. नागरिकता विधेयक में संशोधन के 14 प्रस्ताव दिए हैं.नागरिकता संशोधन विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव राज्यसभा में गिर गया. बुधवार को इस पर मतदान हुआ. इसमें से 99 सांसदों ने सेलेक्ट कमेटी को भेजने के लिए वोट किया जबकि इसके विरोध में 124 सदस्यों ने वोट किया. शिव सेना ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव विपक्ष लेकर आया था, लेकिन केंद्र सरकार इसके विरोध में थी. इस प्रस्ताव को सीपीआई (एम) के सांसद के के रागेश लेकर आए थे.
ऐतिहासिक फैसला: राज्यसभा से भी बिल पास, पाक-बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को मिलेगी भारतीय नागरिकता
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