*●झारखण्ड से इजरायल गए किसानों का दूसरा दिन*
====================
*★ किसान बहुत रुचि लेकर देख और सीख रहे हैं*
*—कुलदीप चौधरी, उपायुक्त, पाकुड*
*★उपायुक्त पाकुड़ के नेतृत्व में किसानों का दल आधुनिक खेती जान रहें हैं किसान*
====================
*तेल अवीव/रांची*
किसानों के दल का नेतृत्व कर रहे पाकुड़ के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि किसान बहुत रूचि लेकर इस्राएल में खेती देख रहे और सीख भी रहे हैं इजराइल के कृषि जगत से जुड़े लोगों से पूरी जिज्ञासा के साथ किसान सवाल पूछ रहे हैं जिससे यह महसूस हो रहा है कि किसान यहां से बहुत कुछ सीख कर जाएंगे।
*सपना पूरा होने जैसा महसूस हो रहा*
गिरिडीह से गए किसान लक्ष्मण महतो ने बताया कि इजराइल जाने से पहले उनके दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थी उन्होंने इस्राएल के बारे में जो सुना और समझा था उससे कहीं बेहतर सपना पूरा होने जैसा महसूस हो रहा है।
*मोशव मिस्मेटेट में जैविक और पत्तेदार सब्जियों की खेती से रूबरू हुए*
झारखण्ड से आधुनिक तकनीक से खेती की पद्धति जानने गए राज्य के 24 किसानों ने मोशव केफर सिरकिन के खेतों का दौरा किया। इनकी अपनी जमीन के साथ साथ अन्य किसानों के जमीन पर एक साथ किस तरह अलग अलग फसल उपजा रहें हैं, इसका अवलोकन किया। किसानों ने 60 हेक्टेयर भूमि में peach सतालू/आड़ू के बाग का अवलोकन किया। इजराइल के किसानों का एक परिवार ने बताया कि उन्हें हर साल खेती से 35,000 हजार डॉलर का मुनाफा होता है।
*सफाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग की भी मिली जानकारी*
किसानों के खेत का भ्रमण करने के बाद ब्रदर्स पोस्ट किसानों को हार्वेस्ट पैकेजिंग यूनिट का दौरा किया, जहां उन्होंने फलों और सब्जियों की सफाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग कैसे होती है, इसकी विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों को बताया गया वे अपने उपज को रेस्तरां में बेचते हैं। अधिक दिनों तक सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए पैकेजिंग फलों को 3 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर कोल्ड रूम में रखा जाता है। यह 1 से 3 महीने तक के बाजार से आपूर्ति और मांग के अनुसार सुरक्षित रहता है।