नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों के प्रति भेदभाव की ख़बरों पर चिंता जताई है. नायडू ने उन खबरों को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, जिसमें संक्रमण से हुई मौत के बाद अंतिम संस्कार आदरपूर्वक नहीं किया जा रहा है. उपराष्ट्रपति ने इसे असंवेदनशील और भारतीय संस्कृति के विपरीत बताया है.
वेंकैया नायडू ने कोरोना और समय समय पर सामने आने वाले उससे जुड़े सामाजिक दुविधा पर अपने फेसबुक पेज पर अपने विचार लिखे हैं. नायडू ने उन ख़बरों का हवाला दिया है, जिनके अनुसार संक्रमण से मौत हो जाने के बाद कई बार मृतक का अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से नहीं किया गया है. हैदराबाद और कुछ अन्य शहरों से मृतक का अंतिम संस्कार क्रेन से करने तक की तस्वीरें आई थीं.
उपराष्ट्रपति के अनुसार ऐसा इसलिए है, क्योंकि लोगों में जानकारी का अभाव है. उनके मुताबिक मृत शरीर से संक्रमण नहीं फैलता और न ही उससे कोई अतिरिक्त खतरा हो सकता है. हालांकि उन्होंने एहतियात बरतने की सलाह जरूर दी है.
उपराष्ट्रपति ने लिखा, यद्यपि यह भी आवश्यक है कि ऐसे मृतक के शरीर को स्पर्श करते समय तथा अंतिम संस्कार के लिए जरूरी पर्याप्त सावधानियों और स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया ही जाना चाहिए. हाथ धोना, मास्क पहनना, जिस बिस्तर पर या आवरण में मृत शरीर को रखा गया या जिन उपकरणों और औजारों, का प्रयोग किया गया उन्हें अच्छी तरह कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.