भुवनेश्वर. ओडिशा में मयूरभंज सीजीएम कोर्ट ने कृषक ऋण फर्जीवाड़े में बैंक ऑफ इंडिया, झारपोखरिया शाखा के पूर्व प्रबंधक समेत पांच लोगों को 14 साल जेल की सजा सुनाई है. साथ ही सभी को 27-27 लाख रुपये का जुर्माना भरने को कहा है.
बताया जा रहा है कि वित्त वर्ष 2012-13 में ओडिशा सरकार की जल निधि योजना के तहत किसानों को पंप लगाने के लिए कर्ज देना था. दोषियों ने 131 किसानों के नाम पर फर्जी कागजात बनाकर एक करोड़ 31 लाख रुपये निकाल लिए.
बैंक के पूर्व प्रबंधक ने ही थाने में इसकी लिखित शिकायत की थी. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही थी. मामले में 31 गवाहों का बयान सुनने के बाद गुरुवार को अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई.
दोषियों में बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक गिरिजा शंकर मिश्र, फील्ड अधिकारी सत्यरूपा महांती, पंप आपूर्तिकर्ता बंगाली जेना, सुशांत जेना और पंप कंपनी के एजेंट सत्यानंद पात्र शामिल हैं. कोर्ट ने कहा है कि सभी दोषियों को 27-27 लाख रुपये जुर्माना भी भरना होगा. दोषियों को जेल भेज दिया गया है.