चेन्नई: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो 11 दिसंबर 2019 को दोपहर 3.25 बजे एक और ताकतवर इमेजिंग सैटेलाइट छो़ड़ेगा जिसका नाम रीसैट-2बीआर-1 (RiSAT-2BR1) है. भारत के रडार ईमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह को पीएसएलवी-48 यान के जरिए श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती मंगलवार को शुरू हो चुकी है.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण रॉकेट (पीएसएलवी) का 50वां मिशन, पीएसएलवी-सी48 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्चपैड से बुधवार को अपराह्न तीन बजकर 25 मिनट पर उड़ान भरेगा.बुधवार को होने जा रहा यह प्रक्षेपण अंतरिक्ष एजेंसी के लिए महत्त्वपूर्ण उपलब्धि साबित हो सकती है क्योंकि यह पीएसएलवी की 50वीं उड़ान होगी और श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाने वाले 75वां रॉकेट होगा. कृषि, वन एवं आपदा प्रबंधन में सहायता उपलब्ध कराने के मकसद से तैयार किया गया 628 किलोग्राम भार वाला यह उपग्रह अपने साथ नौ छोटे उपग्रहों को ले जाएगा. इनमें इजराइल, इटली, जापान का एक-एक और अमेरिका के छह उपग्रह शामिल होंगे.इसरो ने कहा कि मंगलवार को दोपहर चार बजकर 40 मिनट पर रिसैट-2बीआर1 के लिए उल्टी गिनती चालू हो गयी. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इन उपग्रहों का प्रक्षेपण न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ हुए व्यावसायिक करार के तहत किया जा रहा है. इसरो ने बताया कि रिसैट-2बीआर1 मिशन की उम्र पांच वर्ष है. रिसैट-2बीआर1 से पहले 22 मई को रिसैट-2बी का सफल प्रक्षेपण किया गया था.