इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का आरोप है कि भारत पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हथियार बनाकर पाकिस्तानी सेना को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ सेना पर राजनीतिक दखल देने का गंभीर आरोप लगाकर अपने ही देश में एक खतरनाक सियासी खेल खेल रहे हैं और उन्हें इसमें भारत का समर्थन मिल रहा है.
इमरान खान ने दावा किया कि उनकी सरकार और सेना के बीच अब तक का सबसे बेहतरीन तालमेल और रिश्ता है. उनका दावा है कि देश की सभी संस्थाएं अपनी अपनी सीमा में रहते हुए एक दूसरे से तालमेल बनाकर चल रही हैं. एक पाकिस्तानी चैनल समा टीवी को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा है कि नवाज शरीफ एक खतरनाक खेल खेल रहे हैं, ऐसा ही अल्ताफ हुसैन ने किया था.
इमरान ने कहा कि उन्हें सौ फीसदी भरोसा है कि पीएमएल –एन के नेता को भारत मदद कर रहा है. इमरान ने कहा कि पाकिस्तान की सेना को कमजोर करना आखिर किसका मकसद हो सकता है? जाहिर है, हमारे दुश्मनों का. कुछ मूर्ख उदारवादी ही नवाज़ के नजरिये का समर्थन करते हैं.
लीबिया, सीरिया, इराक, अफगानिस्तान और यमन की मिसाल देते हुए इमरान ने कहा कि अगर हमारी सेना इतनी मजबूत नहीं होती तो हमारा मुल्क भी तीन हिस्सों में बंट जाता. भारत के थिंक टैंक पाकिस्तान को तोडऩा चाहते हैं. नवाज शरीफ को कायर बताते हुए इमरान ने उनकी तुलना मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन से की जो लंदन में रहकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आग उगलते हैं और जिनके वीडियो या ऑडियो पर पाकिस्तान में पाबंदी लगा दी गई है. इमरान ने नवाज के बीमारी के नाम पर झूठ बोलकर और सरकार को धोखा देकर लंदन भाग जाने पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि वो वहां बैठकर अपने देश के खिलाफ सियासत कर रहे हैं.
उन्हें वापस लाने के लिए पाकिस्तान सरकार ब्रिटिश सरकार से बात कर रही है.
गौरतलब है कि नवाज शरीफ के भाई शाहबाज को मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है और इससे बौखलाए नवाज शरीफ ने इमरान खान को सेना प्रमुख बाजवा की कठपुतली बताया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में इमरान खान को नाकाबिल और सेना का रबर स्टांप बताया था और आरोप लगाया था कि सरकार के तमाम अहम फैसले सेना मुख्यालय में लिए जाते हैं.
इसी के जवाब में इमरान खान ने नवाज शरीफ के खिलाफ अपने गुस्से का इजाहर किया और भारत पर आरोप लगाया कि वह तमाम ऐसे नेताओं को समर्थन देता है जो पाकिस्तान से बाहर रहकर अपने ही देश और सेना की खिलाफत करते हैं. चाहे वो नवाज शरीफ हों, परवेज मुशर्रफ हों या फिर अल्ताफ हुसैन. नवाज शरीफ के बारे में सरकार को पता है कि वह लंदन में रहकर तमाम पाकिस्तान विरोधी ताकतों से मिल रहे हैं और अपने ही मुल्क के खिलाफ साजिश कर रहे है.
खुद को नाकाबिल बताने के आरोप पर उन्होंने कहा कि मैं अकेला ऐसा नेता हूं जिसने एक साथ पांच पांच संसदीय क्षेत्रों से एकसाथ चुनाव जीता है. न ही उनकी पिछली जिंदगी या विरासत में सेना की कोई भूमिका रही है. वो नवाज शरीफ या जुल्फिकार अली भुट्टो की तरह सेना की नर्सरी में नहीं पले बढ़े हैं. उन्हें सेना से कभी कोई समस्या नहीं रही और वो लोकतांत्रिक तरीके से जनता के समर्थन से चुने गए हैं. इमरान खान ने सेना का जमकर समर्थन करते हुए कहा कि दूसरे तानाशाहों की गलतियों की वजह से सेना पर आरोप लगाना या दोष देना किसी भी तरह सही नहीं है.