इतिहास रचने को तैयार रघुवर सरकार
अनुप्रिया चौबे
विधानसभा चुनाव नजदीक है , और रघुवर दास इतिहास रचने को तैयार हैं । भाजपा के सामने फिर से मौका है कि वे सत्ता वापसी कर सके । चुनावी समीकारणों के साथ साथ पिछले 5 साल के कार्य को देखे तो भाजपा राज्य में अभी मजबूत स्थिति में है ,
और चुनाव को लेकर उनकी तैयारी भी अन्य पार्टियों से अधिक गति से चल रही हैं । इस बार भाजपा का चुनावी लक्ष्य है 65 प्लस है। सरकार के कामकाज को राज्य गठबंधन खास करके भाजपा संगठन में पूरी तन्मयता के साथ जन जन तक पहुंचाने का काम किया है । झारखंड में विपक्ष खंड खंड हो चुकी है यह हम कह सकते हैं कि आने वाला विधानसभा चुनाव बिखराव में मतदान होगा / सरकार के लिए जहां खुशी की बात है
, वहीं विपक्ष के माथे पर पसीना स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है विपक्ष का सबसे बड़ा घर संथाल परगना को रघुवर दास ने अपने निशाने पर पहले वर्ष रखा है जिसका परिणाम लोकसभा चुनाव में देखने को मिला । झारखंड सरकार डबल इंजन सरकार के नाम पर चुनाव मैदान में अपने विकास कार्यों को लेकर उतरने जा रही है , बिखरा विपक्ष के समक्ष रघुवर सरकार सब पर भारी नजर आ रहे हैं । झारखंड बनने के बाद से पहली बार कोई ऐसी सरकार बनी जिसने बिना कोई फेरबदल के अपना कार्यकाल निर्विवाद रूप से पूरा किया और इसका फायदा भी सरकार को विधानसभा चुनाव में मिलेगा सरकार की कुछ क्षेत्रों में उपलब्धियां सराहनीय रही है
जल शक्ति को लेकर अभियान में जुटी है सरकार
झारखंड सरकार ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है ,राज्य में जल संरक्षण , जल संचयन की पहल हो चुकी है । केंद्र सरकार के कार्मिक एंव प्रशिक्षण मंत्रालय में पानी की कमी से जूझते देश के 255 जिलों में वर्षा जल के संरक्षण और संचयन हेतु जल शक्ति झारखंड सरकार का बहुत बड़ा कदम रहा । सिर्फ यही नहीं सरकार ने प्रकृति की तरफ भी बड़ा कदम है लगभग 1 लाख पौधे लगाकर सरकार ने विकास के साथ-साथ प्रकृति का संरक्षण भी किया है । यहां तक कि सरकार महिलाओं के विकास को लेकर ठोस कदम उठा रही है उन्हें पढ़ाना लिखा ना नौकरी दिलाना उन्हें स्वतंत्र महिलाओं बनाने का लक्ष्य सरकार बखूबी पूरा कर रही है ।
झारखंड सरकार गांवों के विकास के लिए अपनी बेजोड़ कोशिश कर रही है । जिस गांव में बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं थी उस गांव में बिजली पहुंचाना झारखंड सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है । रघुवर सरकार गांव में स्ट्रेट लाइट , पेभर्स ब्लॉक और पानी का टंकियां लगाकर गांव के लोगों को चिंता मुक्त किया है । यहां तक कि गांव की गलियों को भी जगमग कर रही है रघुवर सरकार । रघुवर सरकार हर मुमकिन प्रयास कर रही है जिससे गांव की सूरत बदल जाए । रघुवर सरकार का प्रयास है कि 2022 तक झारखंड का एक-एक गांव समृद्ध हो ।
रघुवर सरकार में युवाओं को मिला रोजगार के अवसर
रघुवर दास के नेतृत्व में पिछले 5 सालों में 35 लाख से अधिक झारखंड वासियों को रोजगार और स्वरोजगार मिला। यह अब से पहले कभी नहीं हुआ था। अब यह कृषि क्षेत्र की बात करते हैं। 2013-14 में झारखंड की कृषि फसल विकास दर 4.5 थी, वहीं जो रघुवर सरकार के कार्यकाल में 2016-17 में 14.2 परसेंट यानि 19 परसेंट की हो गई। अब तो सरकार ने भी तय किया है कि किसानों को खरीफ की फसल के लिए हर वर्ष 5000 रुपए दिए जाएंगे । 2250 करोड़ की इस योजना से 2276000 किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा। सिर्फ यही नहीं, किसानों के फसल बीमा का प्रीमियम भरने वाला झारखंड इकलौता राज्य है ।
सरकार से पहले आमजन के स्वास्थ्य की चिता किसे थी ? लेकिन रघुवर सरकार में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के तहत राज्य के 57 लाख परिवारों का 5 लाख का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कराया गया। अब तक 18000 से अधिक झारखंड वासियों का मुफ्त इलाज हो चुका है। सिर्फ यही नहीं, आज झारखंड में लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस 329 निशुल्क 108 एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे जरूरत मंदों की सेवा कर रही है। अब तक 1 लाख 25 हजार मरीजों को त्वरित इलाज मिला है। 5 नए मेडिकल कॉलेज, देवघर में आइम्स और रांची में कैंसर अस्पताल का निर्माण जारी है, जो 2019 में पूरा हो जाएगा।
सड़कों के निर्माण के प्रति गंभीर रही सरकार
झारखंड बनने के 14 सालों में, जहां 3103 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ और प्रतिदिन सिर्फ 1.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता था।झारखंड बनने के पहले 14 सालों में, जहां मात्र 147 उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण हुआ, वहीं रघुवर सरकार में साढ़े 4 साल में 3698 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ। आज झारखंड में प्रतिदिन 3.18 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है। रघुवर सरकार में ही झारखंड में 111 उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण हो चुका है।
महिला सशक्तिकरण पर सरकार का रहा फोकस
रघुवर सरकार के कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी पहल हुई है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन कईयों का गैस कनेक्शन मिल चुके हैं। अब तक 26 लाख से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। महिलाओं के नाम पर 50 लाख तक की जमीन / मकान की रजिस्ट्री सिर्फ एक रुपए में होती है। अब तक 1 लाख 20 हजार महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है।
एजुकेशन हब बनाने की दिशा में सरकार रही प्रयासरत शिक्षा के क्षेत्र में हुए कई सुधार
2014 में झारखंड के सिर्फ 3269 स्कूलों में बेंच- डेस्क थे, वहीं 2014 में झारखंड में ड्रॉपआउट दर 5.31 थी। वहीं, आज झारखंड के सभी 34940 स्कूलों में बेंच, डेस्क, बिजली और शौचालय की सुविधा मुहै कराई जा चुकी है। साढ़े 4 साल में झारखंड जीरो ड्रॉपआउट राज्य बन चुका है।
रघुवर सरकार की पहली प्राथमिकता आदिवासी समाज का विकास
साढ़े 4 साल से ज्यादा की रघुवर सरकार में झारखंड में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कानूनन जुर्म है। राज्य में पहली बार अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया जा रहा है। इस वर्ष 30 लाख से ज्यादा बच्चों को 527 करोड़ की छात्रवृत्ति दी गई। आदिवासी बहुल गांव में आदिवासी ग्राम समिति का गठन जो 5 लाख रुपए तक के विकास खुद करती है, इसके अलावा आदिम जनजाति समाज को गामीण डाकिया योजना के तहत घर पर प्रतिमान 35 किलो अनाज पहुंचाया जाता है, सिर्फ यही नहीं, झारखंड की रघुवर सरकार आदिवासी समाज के साथ-साथ अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए भी कृत संकल्प है। झारखंड में रघुवर सरकार के कार्यकाल में पहली बार अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया गया है। सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले एससी/एसटी के छात्र को 1 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि वो मुख्य परीक्षा की तैयारी कर सकें। आदिवासी और अनुसूचित जाति के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के प्रति भी रघुवर सरकार सचेत है। इसीलिए तो पहली बार झारखंड में पहली बार पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम का गठन होने जा रहा है, पिछड़ा वर्ग का संरक्षण कराया जा रहा है, इसके आधार पर उनकी आबादी के अनुरूप आरक्षण सहित अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।
रघुवर सरकार ने अल्पसंख्यक समाज की दिशा और दशा मेकिया अमूल चूल परिवर्तन
क्या 2014 से पहले अल्पसंख्यक समाज की सुध किसी ने ली ? रघुवर सरकार के कार्यकाल में रांची में 55 करोड़ की लागत से आधुनिक हज हाउस का निर्माण हो रहा है। सिर्फ यही नहीं रघुवर सरकार के पिछले साढ़े 4 साल में 11352 यात्रियों को हज यात्रा पर भी भेजा गया।