चंदा मजदूर का काम कंपनी प्रबंधन का ये है या राकेश्वर पांडेय का टिनप्लेट वर्कस यूनियन :- अप्पा राव
दर्जनों संगठन के यूनियन चला रहे शराकेश्वर पांडेय मजदूर विरोधी यूनियन चलाते हैं उक्त बातें गोलमुरी के एक होटल में संवाददाता सम्मेलन कर भाजपा के पूर्व वरीय जिलाध्यक्ष अप्पा राव ने कहा .उन्होनें कहा कि टिनप्लेट प्रबंधन और मजदूर यूनियन मजदूर विरोधी कार्य कर रही हैं , इस आशय की पुष्टि मात्र इस बात से होती है कि अगर कोई स्थाई मजदूर ड्यूटी में कार्यरत है तो उसके माता-पिता को उचित चिकित्सा की आवश्यकता पड़ती है तो प्रबंधन हाथ खड़े कर लेते हैं जिसका उदाहरण कई है । इससे पूर्व में ऐसी आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा के लिए वैल्लौर तक की चिकित्सा मुहैया कराया जाता था लेकिन प्रबंधन के साथ मिलकर यह सुविधा को बंद करा दिया गया है । इस तरह गुप्प – चुप्प तरीके से कंपनी प्रबंधन यूनियन के साथ समझौता कर लेती है और मजदूरों को इसकी भनक तक नहीं लगती इसका दुष्परिणाम मजदूरों को झेलना पड़ता है । हम यह भी मांग नहीं कर रहे कि हर मजदूर एवं उनके परिवार को बेहतर इलाज के लिए बाहर ही भेजा जाए जब यहां इलाज संभव न हो तो ऐसी स्थिति में मरीजों के जीवन से खिलवाड़ नहीं किया जाए उन्हें अच्छी चिकित्सा सुविधा के लिए जहां संभव हो उन्हें भेजा जाय क्योंकि टिनप्लेट कंपनी के कर्मचारियों से ऐसी चिकित्सा संभव नहीं है जो 4 -5 लाख रुपये खर्च कर सकें ।
उन्होंने कहां कि प्रबंधन टिनप्लेट और यूनियन से कर्मचारियों की कई उम्मीदें हैं जैसे कि कर्मचारी पुत्र को कंपनी में नौकरी करवाने के लिए पिता को नौकरी छोड़नी पड़ती है जबकि कोई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारि हो तो उन्हें पुत्र को नौकरी दिलाने के लिए नौकरी नहीं छोड़नी पड़ती है , पिता और पुत्र दोनों नौकरी करते हैं जिसके कई उदाहरण हैं । यही कारण है कि यूनियन प्रबंधन के जेब मे है । अप्पा राव ने कहा कि टिनप्लेट कंपनी में वर्तमान में भी विसगतियाँ हैं , समान काम समान वेतन को दरकिनार करते हुए कंपनी पुराने मजदूरों को असमय हटाकर नए बाहर यू से कार्य कराती है । जिसका वेतन काफी कम होता है , और अगर वही काम पुराने कर्मचारि करें तो वेतन बढ़ जाता है ऐसी स्थिति में मजदूरों का शोषण साफ झलकता है । उन्होंने यह भी कहा कि यूनियन का चंदा कंपनी प्रबंधन द्वारा मजदूरों के तनख्वाह से काटकर यूनियन को देते है ।अप्पा राव ने कहा कि टिनप्लेट यूनियन के अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता पीछे दरवाजे से राकेश्वर पांडेय कि नियुक्ति होती है , कंपनी प्रबंधन की मेहरबानी से जो कि 18 से 20 यूनियन का अध्यक्ष है उन्हें मजदूर हित से कहां चिंता , ऐसे में मजदूर का शोषण तय है ।उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ टिनप्लेट अस्पताल की कारगुुुजारियाँ यहाँँ
रिटायर्ड डॉक्टर को सर्विस एक्सटेंशन दिया जाता है जो मजदूरों एवं उनके परिवार को रोशन करने में कंपनी प्रबंधन की सहायता करती है । और आवश्यकता पड़ने पर भी मजदूरों के बेहतर चिकित्सा सुविधाएं हेतु बाहर नहीं भेजा जाता है । उन्होंने कहा कि रिटायर्ड कर्मचारियों की तो चिकित्सा सुविधा और भी दयनीय है उन्हें ढंग से चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती है टेंपलेट अस्पताल में जितने भी नर्स हैं सभी अप्रशिक्षित है वे क्या मरीजों की देखरेख करेंगे । रिटायर्ड कर्मचारियों को तो टीएमएच अस्पताल में इलाज के लिए नहीं भेजा जाता है । उन्होंने कहां की टिनप्लेट मजदूर यूनियन और कंपनी प्रबंधन मिलकर मजदूरों के साथ अंग्रेजी शासन चला रहे हैं । मजदूरों को अपने हक की बात बोलने तक की आजादी नहीं है । अगर मजदूर द्वारा अपने हित में आवाज उठाई जाती है तो उन्हें यूनियन और प्रबंधन मिलकर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती हैं ।
उन्होंने यह भी कहा कि टिनप्लेट प्रबंधन के एच आर हरजीत सिंह ने स्थाई मजदूर की माता-पिता को टीएमएच के अस्वीकृति के बाद उच्च चिकित्सा हेतु भेजने के प्रश्न पर उन्होंने दो ढुक जवाब दिया कि मजदूर के माता-पिता को टीएमएच अस्पताल के आगे इलाज किसी हाल में नहीं दी जा सकती चाहे मरीज की मृत्यु क्यों ना हो जाए । इसके लिए कुछ नहीं किया जा सकता । जबकि यह पॉलिसी मैटर है ,मजदूर यूनियन और प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से समझौता कर लिया है ऐसे समझौते के कारण ही यूनियन के पदाधिकारियों के पुत्रों को पिता की नौकरी छोड़ने के बिना नौकरी प्रबंधन द्वारा उपलब्ध करा दी जाती है ।
उन्होंने यह भी कहा कि हम इन सभी का विरोध करते हुए टिनप्लेट प्रबंधन को याद दिलाना चाहते हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की थी कि माता-पिता की सेवा करें उन्हें वृद्धाश्रम ना भेजें जबकि कंपनी प्रबंधन द्वारा इससे उल्टा करने को भी बोलने में नहीं हिचकिचाती है ।
उन्होंने जमशेदजी टाटा को याद करते हुए कहा कि जमशेदजी के सपने में जमशेदपुर की तस्वीर कुछ और ही थी जिससे व्यक्तिगत मुनाफे के कारण बदल दिया गया है कंपनी मजदूर हित के साथ विशेषकर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पर उनके साथ धोखा कर रही है जिसके कारण मजदूर परिवार की जान खतरे में है । ऐसा करके कंपनी न केवल मजदूरों के लिए दी गई सुविधाओं को पिछले दरवाजे से मजदूर यूनियन के साथ मिलकर समाप्त कर रही है बल्कि अपराधिक कृत्य कर रही है । जबकि सही मायने में 50 वर्ष के बाद ही मनुष्य को इलाज की आवश्यकता होती है ऐसे में मजदूर के माता-पिता के इलाज में कटौती कर कंपनी प्रबंधन द्वारा अपराधिक कार्य किया जा रहा है । उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्री , आयोग मंत्री, मुख्यमंत्री झारखंड सरकार ,जमशेदपुर पूर्वी जिला उपायुक्त को भी इस अपराधिक कार्य से अवगत कराना चाहते हैं । उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि
टिनप्लेट कंपनी को चेतावनी देता हूं कि मजदूर विरोधी नीति को छोड़ मजदूर हित में कार्य करें जिसमें कंपनी और प्रबंधन दोनों का हित हो सके ।
अभिमन्यु सिंह चौहान , मनजीत सिंह और विनोद कुमार ने बताया कि मेरे परिवार का भी इलाज ठीक तरीके से नहीं हुआ ।