अखिल भारतीय साहित्य परिषद जमशेदपुर इकाई की ओर से पिछले दिनों लद्दाख की गुलवान घाटी में चीनी सेना के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए हमारे वीर सैनिकों के श्रद्धांजलि हेतु एक ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में परिषद के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र पांडे शैल जी ने सर्वप्रथम पूरे परिदृश्य पर वृहद जानकारी देते हुए और इस घटनाक्रम को कुछ इस तरह उकेरा कि पूरा का पूरा परिदृश्य मानो सामने उपस्थित हो गया।चूंकि माननीय रिटायर्ड फौजी हैं इसलिए इनकी बातों का दर्द साफ झलक रहा था।पूर्व के राजनीतिक दलों की दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव के कारण ही आज यह स्थिति हुई है, पूर्व में ऐसा रहा कि बंदूकें सैनिकों के पास होती थी और गोलियों की चाबी दिल्ली में होती थी ।संतोषजनक बात यह है कि अभी सरकार मजबूत है और दृढ़ इरादों वाली है और सेना के साथ खड़ी है।
अध्यक्ष महोदय के बाद डॉ रागिनी भूषण जी ने अपनी इच्छा जाहिर की कि यदि संभव होता तो फौज में जाना उनका सपना था उन्होंने स्वदेशी हेतु नमस्ते भारत और इंडियन मैसेंजर को के द्वारा अपने अपने क्रियाकलापों को करने की सलाह दी । साथ ही उन्होंने कहा कि,
छोड़ आया द्वार घर अब
चाहे वो जैसा बना लें।
वीरगति को प्राप्त है श्रृंगार
तू उत्सव मनाले।
भाग्य से सौभाग्य यह
पूज्य होता है जहां में।
फूल मेरे पास तेरे
फिर उन्हें सैनिक सजा ले।
श्री ब्रजेन्द्र नाथ मिश्रा जी ने कहा कि शहीद हुए लोगों में बिहार और झारखंड के जवान हैं और पूरा देश आक्रोश में है। यह सही है कि अभी हम विदेशी मंच पर सशक्त हैं और पहले से आज की स्थिति बहुत मजबूत है तो कहीं ना कहीं ईट का जवाब पत्थर से देना चाहिए ।
परिषद की संगठन मंत्री डॉ अनीता शर्मा ने कहा कि देशभक्ति सिर्फ सीमा पर बंदूक लेकर खड़े होने से ही नहीं है वरन् अपने अंदर स्वदेश प्रेम की भावना से भी है।जो जहां है वहीं से इसे दिखा सकता है। मैं आने वाली पीढ़ियों को स्वदेश प्रेम का पाठ पढ़ाती हूं और इस तरह छोटी सी सेवा अपने देश के लिए कर जाती हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि,
खुश नसीब है वह जिनका लहू देश के काम आया ।
आओ झुक कर सलाम करें जिनके हिस्से में यह मुकाम आया।
पद्मा प्रसाद जी ने भी अपनी बातों को रखते हुए कहा कि जन-जन में स्वदेश प्रेम को जगाना है। साथ ही उन्होंने कहा कि,
मातृ भूमि के मिट्टी पे,
हुए शहीद रणबांकुरे,
जन-जन में क्रांति के ज्योत जगा के,
रक्तरंजित पन्नों पे इतिहास रचे।
सरोज सिंह परमार ने कहा कि यह सरकार ऐसी है जो कि 1 इंच भी अपनी जमीन नहीं देगी । साथ ही उन्होंने कहा कि,
आओ आओ जलाएं एक दिया उन वीरों के नाम
श्रद्धा सुमन अर्पित करें उन वीरों के नाम ।
मंच का संचालन कर रहे हैं दीपक वर्मा जी ने कहा कि संघ का हर एक कार्यकर्ता सैनिक है। और वह बचपन से संघ से जुड़े हुए हैं ।इसलिए उनके अंदर सैन्य भाव शुरू से है । साथ ही उन्होंने कहा कि,
अंगारों से खेलेंगे
तूफानों से टकराएंगे
हम अपने वतन की खातिर
अपनी जान लुटा देंगे ।
इस कार्यक्रम में सोनी सुगंधा ,जयंत श्रीवास्तव निवेदिता श्रीवास्तव, आरती श्रीवास्तव, मंजू ठाकुर आदि उपस्थित थे ।
वीरों की श्रद्धांजलि हेतु 2 मिनट का मौन देकर सभा का समापन जय हिंद जय भारत के नारे के साथ किया गया।