काशी विश्वनाथ मंदिर के पास दो पुराने मकान ढहे, एक महिला की मौत, प्रधानमंत्री ने दुख जताया
राष्ट्र संवाद संवाददाता
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में मंगलवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारे के पास स्थित दो पुराने मकान अचानक ढह गए, जिससे एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हो गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में हुई इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतक महिला के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की और अधिकारियों को घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिये।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह घटना चौक इलाके के खोया गली में हुई, जहां काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारे के पास बने दो पुराने मकान अचानक ढह गए। इस घटना में मलबे में दबकर प्रेम लता गुप्ता (43) नामक महिला की मौत हो गयी तथा सात अन्य लोग घायल हो गए।
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने सभी लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
वाराणसी के मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, “दो मकान ढहे थे, जिनमें से एक में रह रहे सभी लोग सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे थे, जबकि दूसरे मकान में रह रहे दो लोग ही बाहर निकल पाए थे और सात अन्य मलबे में फंस गए थे। उन्हें बचाव अभियान चलाकर बाहर निकाला गया।”
शर्मा के मुताबिक, इस घटना में एक महिला की मौत हो गई और एक महिला कॉन्स्टेबल सहित सात लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की निगरानी में सातों घायलों का इलाज किया जा रहा है।
मंडलायुक्त ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुखद घटना पर उनसे फोन पर बात करके जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने हादसे में मृतक महिला के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की और सभी घायल लोगों के बेहतर इलाज के निर्देश दिये।
यह पूछे जाने पर कि जो दो मकान जमींदोज हुए हैं, उनके मालिकों ने क्या उन्हें काशी विश्वनाथ गलियारे के निर्माण की मद में खरीदने के लिये मंदिर प्रशासन को अर्जी दी थी, इस पर शर्मा ने कहा, ‘‘मैं दो चीजें स्पष्ट कर देना चाहता हूं। एक तो मंदिर (काशी विश्वनाथ गलियारा) का निर्माण पांच साल पहले शुरू हुआ था और ढाई वर्ष पहले पूरा भी हो चुका है। उसके बाद कोई नयी संपत्ति नहीं खरीदी जा रही है और न ही मंदिर गलियारे के बाहर के मकान की मरम्मत के लिये मंदिर से कोई अनुमति लेने की आवश्यकता होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मकान को खरीदने के लिए मंदिर प्रशासन से अनुरोध किए जाने की बात है तो मुझसे भी ऐसा अनुरोध किया गया था तब हमने विचार करने को कहा था लेकिन वास्तविकता यह है कि अब मंदिर (काशी विश्वनाथ गलियारा) का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब बाहर की संपत्तियों की मंदिर को आवश्यकता नहीं है। धन केवल उन्हीं चीजों पर खर्च किया जा रहा है जो तात्कालिक रूप से श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक हैं।’’
शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अगर कोई यह कहे कि हम मकान की मरम्मत इसलिये नहीं कर रहे हैं कि मंदिर प्रशासन इसे खरीद लेगा, तो यह फिजूल की बात है।’’