आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में 75 फुट लंबा फड़ एक रिकॉर्ड
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के स्वायत्त संस्थान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला ने अब तक का सबसे लंबा ‘फड़’ बनाने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भीलवाड़ा यात्रा के दौरान मालासेरी डूंगरी में भगवान देवनारायण के दर्शन करने के बाद इस ‘फड़’ के प्रति भी अपनी श्रद्धा दिखाई
और इसे बनाने वाले कलाकारों की सराहना की। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री वहां गुर्जर समाज के कुलदेवता भगवान देवनारायण जी के एक 1,111वें अवतरण दिवस आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे। लंबे कपड़ों पर विभिन्न समाजों के कुलदेवता की कथा कहते ‘फड़’ का निर्माण और प्रदर्शन विधि-विधान पूर्वक पूजा-पाठ के साथ किया जाता है। भगवान देवनारायण की इस फड़ को तीन भागों में बांटा गया है। एक भाग में भगवान देवनारायण, एक में पाबूजी और एक भाग में भगवान रामदेव के जीवन का चित्रण है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर 75 फीट लंबे और नौ फीट चौड़े इस फड़ का निर्माण आइजीएनसीए ने पहली बार कराया है। इसके 40 फीट में गुर्जर समाज के कुल देवता देवनारायण जी, 20 फीट पर रैबारी समुदाय के पूज्य पाबूजी और 15 फीट हिस्से पर मेघवाल लोगों के कुल देव रामदेव जी की चित्र कथा उकेरी गयी है। विशेषकर देवनारयण जी के पूर्वजों, उनके चमत्कार और वीरता की कहनी पारम्परिक श्रद्धा के साथ प्रस्तुत की गई है। इसे भीलवाड़ा स्कूल के 20 कलाकारों को साथ लेकर प्रसिद्ध चित्रकार
कल्याण जोशी के निर्देशन में पूरा किया गया है। श्री जोशी विश्वप्रसिद्ध फड़ चित्रकार पद्मश्री श्रीलाल जोशी के पुत्र हैं। धार्मिक मान्यताओं को प्रदर्शित करती 75 फीट लंबी और नौ फीट चौड़ी यह फड़ आज तक की सबसे बड़ी फड़ कही जा सकती है। इसे बनाते समय कलाकारों ने परम्परागत सभी धार्मिक नियमों का पूरी तरह से पालन किया है और उसमें प्रयोग किए गये रंग भी शुद्ध रूप से प्राकृतिक हैं।
आइजीएनसीए ने इस फड़ के निर्माण के लिए व्यापक शोध किया है। गौरतलब है कि इसके लिए आइजीएनसीए द्वारा विगत कई वर्षों से प्रो. प्रतापानंद झा के मार्गदर्शन में शोध और डॉक्यूमेंटेशन किया गया। देवनारायण की परम्परा पर एक विस्तृत मल्टीमीडिया अध्ययन भी तैयार किया गया है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा देश की धरोहर और परम्परा को संजो कर रखने की कड़ी में यह बेहद महत्वपूर्ण प्रस्तुति है।