‘राष्ट्र संवाद’ का पत्रकारिता के आदर्शों को बनाए रखने का गौरवपूर्ण सफर
देवानंद सिंह
यह अत्यंत गर्व का विषय है कि झारखंड के प्रमुख मीडिया संस्थान ‘राष्ट्र संवाद’ की स्थापना के 25 वर्ष पूरे हो गए हैं, और 26वां वर्ष शुरू हो गया है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर हम यह कह सकते हैं कि यह सफर अपने आप में एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक पल है। इस यात्रा के दौरान ‘राष्ट्र संवाद’ ने जो निरंतरता और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह अत्यधिक प्रेरणादायक और सराहनीय है। जिस प्रकार ‘राष्ट्र संवाद’ ने पत्रकारिता के आदर्शों और उद्देश्य को आत्मचिंतन और मीडिया की दिशा-निर्देश पर केंद्रित किया है, वह इसे भीड़ से अलग और विशिष्ट बनाता है।
जैसा कि सब जानते हैं, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की भूमिका अब अत्यधिक महत्वपूर्ण हो चुकी है, और इस संदर्भ में स्थानीय मीडिया का योगदान अविस्मरणीय है। ‘राष्ट्र संवाद’ ने झारखंड में इस जिम्मेदारी को निभाते हुए न केवल जन-जन तक सही, सटीक और निष्पक्ष खबरें पहुंचाई हैं, बल्कि पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए भी अडिग प्रतिबद्धता दिखाई है। आज के इस दौर में जब कॉरपोरेट कल्चर ने मीडिया की दिशा को प्रभावित किया है, निष्पक्ष समाचारों की तलाश करना एक कठिन कार्य बन चुका है, तब ‘राष्ट्र संवाद’ ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए निर्भीकता और निष्पक्षता के साथ जनसमूह तक खबरें पहुंचाने का जो कार्य किया है, वह अत्यधिक प्रशंसा का पात्र है। सचमुच, ‘राष्ट्र संवाद’ ने पत्रकारिता को उसके आदर्शों से भटकने नहीं दिया है।
‘राष्ट्र संवाद’ का 25 वर्षों का यह सफर उसी दृढ़ संकल्प का परिणाम है। जब स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पत्रकारिता ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और अब जब वह संकट के दौर से गुजर रही है, तो ‘राष्ट्र संवाद’ ने उस पुरानी अलख को जगाए रखने की पूरी कोशिश की है और इस कोशिश को तभी कामयाबी मिली जब प्रख्यात समाजसेवी स्वर्गीय के के सिंह जी का निस्वार्थ राष्ट्र संवाद आशीर्वाद मिला वही हमारे प्रेरणास्रोत बाबूजी स्वर्गीय रामेश्वर राय के बताएं मार्ग पर चलते रहने से आज राष्ट्र संवाद समूह का रूप ले पाया इसके लिए मैं ‘राष्ट्र संवाद’ की अपनी पूरी टीम को दिल से बधाई देता हूं और संस्थान के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि ‘राष्ट्र संवाद’ ने मिशन 2026 को ‘उत्सव वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। ‘राष्ट्र संवाद’ की मासिक पत्रिका के रूप में शुरू हुआ यह सफर आज ‘राष्ट्र संवाद समूह’ के रूप में आकार ले चुका है। डिजिटल फॉर्म में दैनिक अखबार जल्द ही आपके हाथों में प्रिंट के रूप में भी होगा।
‘राष्ट्र संवाद’ के इस सफलतम सफर का श्रेय निश्चित रूप से, विज्ञापनदाताओं, पाठकों और शुभचिंतकों को जाता है। मैं, विश्वास दिलाता हूं कि निकट भविष्य में भी ‘राष्ट्र संवाद’ इसी तरह सच्ची पत्रकारिकता की अलख को जगाए रखने का काम निरंतर जारी रखेगा।